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विस्फोटक सामग्री से बनेगी मधुमेह की दवा

अमेरिका के येल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान विस्फोटक बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एक रसायन के जरिए अब मधुमेह की कारगर दवा बनाने का दावा किया है। प्रथम विश्वयुकद्ध के...

विस्फोटक सामग्री से बनेगी मधुमेह की दवा
एजेंसीFri, 27 Feb 2015 07:12 PM
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अमेरिका के येल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान विस्फोटक बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एक रसायन के जरिए अब मधुमेह की कारगर दवा बनाने का दावा किया है। प्रथम विश्वयुकद्ध के दौरान डिनीट्रोफीनोल(डीएनपी)  नाम का यह रसायन फ्रांस के हथियार बनाने वाले कारखानों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता था। इसे पीरिक एसिड के साथ मिलाकर विस्फोटक बनाए जाते थे। कुछ दिनों बाद यह देखने मे आया कि जिन कारखानों में इसका इस्तेमाल हो रहा है वहां काम करने वाले मजदूर पसीने से लथपथ हो जाते हैं। इसके कारण उनका वजन भी बहुत ज्यादा घट रहा है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को इस रसायन में कुछ पते की बात दिखाई दी और उन्होंने इस पर शोध करना शुरू कर दिया।

कैसे आया आइडिया
इस दौरान पता लगा कि इस रसायान के साथ संपर्क में आने वालों के शरीर की वसा बहुत तेजी से घटने लगी है। वैज्ञानिकों को लगा कि यह रसायन वजन घटाने वाली दवाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है। बस फिर क्या था आनन फानन में बाजार में इस रसायन से युक्त 20 किस्म की दवाएं बाजार में आ गईं। 1930 के आते-आते इस दवा के फायदों से ज्यादा दुष्प्रभाव लोगों पर दिखने लगे। यहां तक की एक व्यक्ति की इसे खाने से मौत भी हो गई। जब यह खबर प्रकाशित हुई तो दवा बाजार से हटा ली गई।

दोबारा शुरू किया प्रयोग
लगभग 85 वर्षों बाद वैज्ञानिकों को एक बार फिर से डीएनपनी रसायान की याद आई और उन्होंने इसके बेहद कम इस्तेमाल से मधुमेह की दवा बनाने का इरादा कर लिया। इस बार नई दवा में डीएनपी रसायन का बहुत कम इस्तेमाल किया गया यानी पहले जितना किया गया था उसका सौंवा हिस्सा। मानवों से पहले इनका इस्तेमाल जानवरों में किया गया। इस प्रयोग के बड़े ही बेहतर नतीजे सामने आए और कहा गया है कि मानवों में यह दवा टाइप टू डायबटीज के इलाज में बेहद कारगर साबित होगी। विज्ञान पत्रिका साइंस जर्नल में पकाशित लेख में इस बात की जानकारी दी गई है।

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