संबंधों को नई ऊचाइंयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के संबंधों को नई ऊचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। असैन्य परमाणु करार को लागू करने में आ रही...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के संबंधों को नई ऊचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। असैन्य परमाणु करार को लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने तथा आतंकवाद से लड़ने में परस्पर सहयोग करने की बात कही।
दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे तक चली लंबी बातचीत में मोदी-ओबामा के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच अपने रक्षा सहयोग को 10 वर्ष और बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भागीदारी करने का निमंत्रण दिया।
आर्थिक सहयोग के लिए नीतियां बदलेंगे : बैठक के बाद संयुक्त बयान में मोदी ने कहा भारत और अमेरिका स्वाभाविक वैश्विक साझेदार हैं। निकट भविष्य में भारत एक बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास और परिवर्तन की ओर बढ़ेगा। भारत में नीति और प्रक्रिया बदलने पर जोर दे रहे हैं। इससे भारत में व्यापार के अनुकूल माहौल बेहतर होगा। भारत में आर्थिक अवसर बढ़ रहे हैं। ऐसे कदम उठाएं जिससे भारत की सेवा कंपनियां अमेरिकी बाजार में आसानी से पहुंच बना सकें।
जलवायु परिवर्तन पर संवाद बढ़ाएंगे : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जलवायु परिवर्तन हम दोनों के लिए प्राथमिकता का विषय है, इस पर आपसी संवाद बढ़ाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर हो रही चिंताओं को लेकर भी दोनों देशों में समानता है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए हमारी सोच मिलती है।
आतंकवाद पर भारत-अमेरिका में परस्पर सहयोग की सहमतिः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि दक्षिण और पश्चिम एशिया सहित विश्व में पनप रहे आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका में आतंकवाद निरोधक पहल और इस संदर्भ में खुफिया सूचनाओं का आदान प्रदान करने पर सहमति बनी है।
मोदी ने यहां अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत के बाद संयुक्त बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर रही चुनौतियों के बारे में भी दोनों देशों के विचारों में समानताएं हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता दोनों देशों की नीतियों का अभिन्न हिस्सा है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ): प्रधानमंत्री ने हालांकि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच पूरी तरह सहमति नहीं बनने का संकेत देते हुए कहा कि डब्ल्यूटीओ के मुद्दे पर हम दोनों के बीच खुलकर बातचीत हुई। हम व्यापार सरलीकरण के समर्थक हैं, पर साथ ही हम चाहते हैं कि हमारी खाद्य सुरक्षा की चिंताओं का समाधान हो। उम्मीद है कि शीघ्र ही इस बारे में कोई रास्ता निकलेगा।
ओबामा को परिवार के साथ भारत आने का न्योता : मोदी ने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को अपने परिवार के साथ भारत आने का न्योता दिया।