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अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना है या नहीं, जल्द फैसला ले केंद्र

दक्षिणी दिल्ली के सबसे पॉश कॉलोनी सैनिक फार्म सहित राजधानी के तमाम अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने के मसले पर निर्णय लेने में हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने कड़ी नराजगी जाहिर की है। इसे गंभीरता से लेते...

अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना है या नहीं, जल्द फैसला ले केंद्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 23 Feb 2017 12:11 AM
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दक्षिणी दिल्ली के सबसे पॉश कॉलोनी सैनिक फार्म सहित राजधानी के तमाम अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने के मसले पर निर्णय लेने में हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने कड़ी नराजगी जाहिर की है। इसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना है या नहीं, इस बारे में जल्द से जल्द निर्णय लेने को कहा है।

जस्टिस बी.डी. अहमद व आशुतोष कुमार की पीठ ने इन अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमितीकरण करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार तय नियमों के तहत चार सप्ताह के भीतर निर्णय ले। पीठ ने केंद्र की उन दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया है जिसमें कहा गया है कि इस मसले पर निर्णय लेने के लिए उसे पहले ही टोटल स्टेशन मैथड से कॉलोनियों का सर्वे करना होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मैथड से सर्वे केवल सीमांकन करने के लिए किया जाता है और इसमें काफी वक्त भी लगता है। पीठ ने केंद्र सरकार की दलीलों को अस्वीकार करते हुए कहा कि यदि इस मैथड से सर्वे करना होगा तो कॉलोनियों को नियमित करने के बारे में निर्णय लेने में चार सप्ताह नहीं चार साल का वक्त लग जाएगा। हाईकोर्ट सैनिक फार्म में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल संजय जैन ने सैनिक फार्म में अवैध निर्माण कराने के लिए वर्ष 2001 से अब तक जिम्मेदार अधिकारियों के नाम सीलबंद लिफाफे में पेश की। उन्होंने पीठ को बताया कि अगले चार सप्ताह में पीठ को यह बता देंगे कि अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार किस अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

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