तेज रफ्तार बस ने स्कूटी सवार छात्रा को रौंदा, मौत
लाजपत नगर इलाके में शुक्रवार को एक तेज रफ्तार बस ने स्कूटी सवार छात्रा को कुचल दिया। हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस ने छात्रा को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।...
लाजपत नगर इलाके में शुक्रवार को एक तेज रफ्तार बस ने स्कूटी सवार छात्रा को कुचल दिया। हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस ने छात्रा को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छात्रा की पहचान 19 वर्षीय काजल के रूप में हुई है। वह डीयू से बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। पुलिस ने आरोपी चालक हीरालाल को गिरफ्तार कर लिया है।
पिता जापान दूतावास में कार्यरत : पुलिस सूत्रों के अनुसार काजल के पिता सुनील जापान दूतावास में नौकरी करते हैं जबकि मां पूनम रक्षा मंत्रालय में क्लर्क हैं। पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया ने बताया कि हादसा सुबह करीब पौने नौ बजे मूलचंद फ्लाईओवर के पास हुआ। काजल स्कूटी से कंप्यूटर क्लास जा रही थी। इस दौरान पीछे से आ रही बस ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर लगने से स्कूटी का संतुलन बिगड़ा और काजल सड़क पर गिर गई। इससे पहले कि चालक बस रोक पाता, बस काजल के ऊपर से गुजर गई। इसके बाद राहगीरों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस के मुताबिक, हीरालाल दक्षिणी दिल्ली के बड़े निजी स्कूल की बस चलाता है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
तेज रफ्तार की वजह से हादसा : चश्मदीदों के अनुसार, छात्रा ने फ्लाईओवर से उतरते समय स्कूटी की गति धीमी की थी। वहीं बस चालक ने गति धीमी नहीं की थी। इसलिए वह बस पर निंयत्रण नहीं रख पाया और हादसा हो गया। हालांकि पुलिस मामले की जांच होने के बाद ही कुछ भी साफ तौर पर कहने की बात कर रही है। पुलिस के अनुसार काजल घर की इकलौती बेटी थी। उसके दो भाई हैं।
ओवरटेक करना चाहता था चालक : पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के बाद मुख्य आरोपी हरीलाल ने बताया कि वह स्कूटी को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था। जब उसने मूलचंद फ्लाईओवर के पास ऐसा करने की कोशिश तो छात्रा बस की चपेट में आ गई। आरोपी ने वह आरके पुरम से सीजीओ कॉम्पलेक्स के कर्मचारियों को लेने के लिए जा रहा था।
सिविल सर्विस करना चाहती थी छात्रा : मृतक छात्रा के परिजनों ने बताया कि वह बचपन से ही सिविल सर्विस की परीक्षा पास करना चाहती थी। यही वजह थी कि उसने दसवीं के बाद से इसके लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। परिजनों के अनुसार वह पढ़ाई को लेकर काफी फोकस थी और वह चाहती थी कि पहले या दूसरे प्रयास में ही सीविल सर्विसेज की परीक्षा पास करे।