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जेएनयू में जंग: उन छात्रों जानकारी तलब जिनके खिलाफ दर्ज किया है मुकदमा

जेएनयू ने हाईकोर्ट से सोमवार को कहा है कि अधिकारियों को विश्वविद्यालय प्रशासनिक खंड में प्रवेश करने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ेगी। साथ ही जेएनयू ने हाईकोर्ट को बताया है कि प्रशासनिक खंड का रास्ता...

जेएनयू में जंग: उन छात्रों जानकारी तलब जिनके खिलाफ दर्ज किया है मुकदमा
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 21 Feb 2017 12:10 AM
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जेएनयू ने हाईकोर्ट से सोमवार को कहा है कि अधिकारियों को विश्वविद्यालय प्रशासनिक खंड में प्रवेश करने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ेगी। साथ ही जेएनयू ने हाईकोर्ट को बताया है कि प्रशासनिक खंड का रास्ता रोकने वाले छात्रों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

जस्टिस वी.के. राव के समक्ष यह जानकारी जेएनयू ने कुछ छात्रों की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में दिया। याचिका में छात्रों ने आगे की पढ़ाई जारी रखने या नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए अंक तालिका और प्रमाण पत्रों की प्रति देने के लिए जेएनयू को आदेश देने की मांग हाईकोर्ट से की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई आदेश देने से इनकार किया। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की राहत खुद जेएनयू को मांगनी होगी। हाईकोर्ट ने सवालिया लहजे में जेएनयू से कहा कि सिर्फ अंक तालिका मुहैया कराने के लिए आपको पुलिस की जरूरत है, मैं यह नहीं समझता हूं, आपको उचित उपाय करने चाहिए। साथ ही हाईकोर्ट ने जेएनयू से उन छात्रों की पूरी जानकारी देने को कहा है जिनका नाम उसने प्राथमिकी में शामिल कराया है, ताकि वे मामले में पक्षकार बन सकें। अब अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी। दूसरी तरफ छात्रों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी ने हाईकोर्ट को बताया कि ‘ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय प्रदर्शनकारी छात्रों को डरा रहा है।

जेएनयू प्रशासनिक खंड का रास्ता रोकने वाले छात्रों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है। जेएनयू ने यह जानकारी सोमवार को हाइकोर्ट को दी है। साथ ही जेएनयू ने हाईकोर्ट से कहा है कि अधिकारियों को प्रशासनिक खंड में प्रवेश करने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ेगी।

जस्टिस वी.के. राव के समक्ष यह जानकारी कुछ छात्रों की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में दिया गया। याचिका में छात्रों ने आगे की पढ़ाई जारी रखने या नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए अंक तालिका और प्रमाण पत्रों की प्रति देने के लिए जेएनयू को आदेश देने की मांग की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई आदेश देने से इनकार करते हुए कहा है कि इस तरह की राहत खुद जेएनयू को मांगनी होगी। हाईकोर्ट ने सवालिया लहजे में जेएनयू से कहा कि सिर्फ अंक तालिका मुहैया कराने के लिए आपको पुलिस की जरूरत है, मैं यह नहीं समझता हूं, आपको उचित उपाय करने चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय इस तरह की राहत की मांग नहीं करेगा तो छात्र राहत के लिए एक-एक करके याचिका दाखिल करेंगे। साथ ही हाईकोर्ट ने जेएनयू से उन छात्रों की पूरी जानकारी देने को कहा है जिनका नाम उसने प्राथमिकी में शामिल कराया है, ताकि वे मामले में पक्षकार बन सकें। अब अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी। दूसरी तरफ छात्रों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी ने हाईकोर्ट को बताया कि ‘ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय प्रदर्शनकारी छात्रों को डरा रहा है।

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