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अमेरिका में लाइसेंस जब्त होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम में डॉक्टर कर रहा है मरीजों का इलाज

यौन शोषण के तीन मामलों में दोषी पाए जाने के बाद अमेरिकी अदालत ने एक डॉक्टरो का लाइसेंस जब्त कर दुनिया भर में उसके प्रैक्टिस पर रोक लगा दी। मगर भारत आकर बिना लाइसेंस के ही वह डॉक्टर दिल्ली व गुरुग्राम...

अमेरिका में लाइसेंस जब्त होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम में डॉक्टर कर रहा है मरीजों का इलाज
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 May 2017 11:50 PM
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यौन शोषण के तीन मामलों में दोषी पाए जाने के बाद अमेरिकी अदालत ने एक डॉक्टरो का लाइसेंस जब्त कर दुनिया भर में उसके प्रैक्टिस पर रोक लगा दी। मगर भारत आकर बिना लाइसेंस के ही वह डॉक्टर दिल्ली व गुरुग्राम में मरीजों का इलाज कर रहा है। हाईकोर्ट ने इसे चिंताजनक बताते हुए केंद्र सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआई) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने एक अखबार में प्रकाशित खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। पीठ ने इसे गंभीर चिंता का का विषय बताते हुए कहा है कि यह सरासर आम लोगों के स्वास्थ्य व जीवन से संबंधित मामला है। पीठ ने कहा है कि समाचार पत्र में उठाया गया यह मुद्दा काफी अहम है कि भारत में फर्जी डिग्री या बिना लाईसेंस के प्रैक्टिस करने वाले कथित डॉक्टरों की जांच व पता लगाने के लिए ठोस तंत्र नहीं है।

पीठ ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व एमसीआई को यह बताने के लिए कहा है कि इस तरह के मामलों की जांच व पता लगाने के लिए क्या तंत्र है। पीठ ने यह भी बताने के लिए कहा है कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए किसी तरह के दिशा-निर्देश है या नहीं।

साथ ही, हाईकोर्ट ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव संजीव जैन को उक्त डॉक्टर का नाम व पते की जानकारी संबंधी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। पीठ ने वरिष्ठïअधिवक्ता प्रशांत सेन व सना बट्टा को मामले में कानूनी सलाह देने के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया है। मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी।

अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, डॉक्टर को अमेरिका जॉर्जिया में महिला मरीजों के साथ अनधिकृत चिकित्सा परीक्षण व यौन शोषण के तीन मामलों में वर्ष 2010 में दोषी ठहराया गया। अमेरिकी अदालत ने डॉक्टर को 2011 में इस शर्त पर भारत आने की अनुमति प्रदान कर दी कि वह अपना लाईसेंस जमा करा देगा और दुनिया के किसी भी देश में प्रैक्टिस (मरीजों का इलाज) नहीं करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टर भारत आने के बाद गुरुग्राम और दिल्ली में मरीजों का इलाज कर रहा है।

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