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निजी अस्पतालों के 10 हजार मरीज हुए परेशान

अस्पतालों की ओपीडी रही बंद गाजियाबाद। वरिष्ठ संवाददाता आईएमए गाजियाबाद की घोषणा के बाद मंगलवार को निजी अस्पतालों और क्लीनिकों के डॉक्टरों ने ओपीडी बंद रखी। इस वजह से शहर के करीब 10 हजार मरीज परेशान...

निजी अस्पतालों के 10 हजार मरीज हुए परेशान
Tue, 06 Jun 2017 05:30 PM
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अस्पतालों की ओपीडी रही बंद

गाजियाबाद। वरिष्ठ संवाददाता

आईएमए गाजियाबाद की घोषणा के बाद मंगलवार को निजी अस्पतालों और क्लीनिकों के डॉक्टरों ने ओपीडी बंद रखी। इस वजह से शहर के करीब 10 हजार मरीज परेशान हुए। हालांकि इस दौरान मरीजों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी और आपरेशन चालू रखे गए। निजी अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे कुछ मरीजों ने अधिक परेशानी होने पर इमरजेंसी में दिखाया। वहीं कुछ मरीज सरकारी अस्पताल पहुंचे।

तिमारदारों द्वारा डाक्टरों के साथ आएदिन दुर्व्यवहार, मारपीट की घटनाओं और हाल में जयपुर में डाक्टर के साथ हुई मारपीट के विरोध में आईएमए गाजियाबाद ने मंगलवार को ओपीडी बंद रखने का घोषणा की थी। इसी के तहत अस्पतालों की ओपीडी और क्लीनिकों में मरीज नहीं देखे गए। गाजियाबाद जिले के आईएमए से जुड़े करीब 500 डॅाक्टर राजघाट पहंुचे और मार्च में शामिल हुए।

10 अस्पताल और 300 क्लीनिक में ओपीडी रही बंद

जिले में 10 के करीब बड़े अस्पताल हैं और 300 के करीब क्लीनिक हैं, जिसके डॉक्टर आईएमए से जुड़े हैं। अस्पतालों में करीब ढाई हजार मरीज और क्लीनिकों में साढ़े 7 हजार मरीज परेशान हुए। इस तरह 10 हजार मरीज परेशान हुए। इनमें कुछ मरीज वापस लौटे तो कुछ को इसकी पूर्व सूचना मिल गई इस वजह से मरीज नहीं पहंुचे। वहीं कुछेक ने सरकारी अस्पतालों का रुख किया।

गंभीर मरीज इमरजेंसी पहुंचे

अस्पतालों की ओपीडी में कुछ मरीज ऐसे पहुंचे, जो गंभीर हालत में थे। ओपीडी पहुंचने पर मालूम हुआ कि डॉक्टर मरीजों को नहीं देखेंगे। इसके बाद बीमारी को देखते हुए परिजनों ने उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कराया। जहंा पर उनका इलाज किया गया।

डायरिया के मरीज अधिक

ओपीडी में पहंुचने वाले ज्यादातर मरीज गर्मी से पीड़ित थे। इसमें डायरिया और बुखार से पीड़ित मरीज भी शामिल थे। कुछ मरीजों ने सरकारी अस्पतालोंं की रुख किया।

सरकारी अस्पतालों की बढ़ी ओपीडी

सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एमएमजी अस्पताल में रोजाना करीब 1500 मरीज पहुंच थे, मंगलवार को 1800 के करीब मरीज पहुंचे। वहीं संयुक्त अस्पताल में रोजाना 1 हजार के तुलना में 1200 मरीज पहुंचे। इस तरह सरकारी अस्पतालों में अधिक मरीज पहंुचे।

शरद पाण्डेय

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