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इस राज्य में दो नहीं, एक ही दिन मनाई जाएगी महाशिवरात्रि

इस बार 24 फरवरी काे रखना होगा व्रत महाशिवरात्रि पर्व को लेकर लोगों में भले ही भ्रम है मगर ज्योतिषविदों व जानकारों की राय में इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 24 को ही रखना श्रेष्ठ होगा। 24 की रात

लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Feb 2017 01:19 PM

इस बार 24 फरवरी काे रखना होगा व्रत

महाशिवरात्रि पर्व को लेकर लोगों में भले ही भ्रम है मगर ज्योतिषविदों व जानकारों की राय में इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 24 को ही रखना श्रेष्ठ होगा। 24 की रात को जलाभिषेक होगा।

महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव व पार्वती का विवाहोत्सव है। इस दिन जलाभिषेक व व्रत का विशेष महत्व है। इस बार का व्रत 24 का है। जानकारों के अनुसार 24 की रात को 9:30 मिनट पर चतुर्दशी लगेगी। यह 25 की रात 9:10 तक रहेगी। निशीथ काल रात 12:10 से 1:03 मिनट तक रहेगा। 9:20 से रात 10:56 मिनट तक लाभ की चौघड़िया मुहूर्त में पूजन का विशेष फल प्राप्त होगा।

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इस राज्य में दो नहीं, एक ही दिन मनाई जाएगी महाशिवरात्रि

जलभिषेक के लिए हो गई पूरी तैयारी

इस काल में शिवार्चन जरूर करें। रात 12:30 से सुबह 5:15 मिनट तक शुभ अमृत एवं चर की चौघड़िया रात्रि पूजन अभिषेक के लिए शुभ प्रद रहेगी। टपकेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी भरतगिरी महाराज के अनुसार 24 को जलाभिषेक के लिए मंदिर में तैयारी पूरी कर ली गई हैं। सेवादल व्यवस्था बनाने के लिए तैयार है।

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इस दिन भगवान शिव होते हैं प्रसन्न

उनके अनुसार शिवरात्रि के दिन रूद्राभिषेक से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। उपासक की हर मनोकामना पूर्ण होती है। जीवन में सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि सम्पूर्ण रात्रि जागरण करने से महापुण्य की प्राप्ति होती है। इस रात्रि को साधना व गुरुमंत्र दीक्षा प्राप्त करने का विशेष सिद्धि दायक मुहुर्त होता है।आचार्य भरतराम तिवारी ने बताया कि अद्र्ध रात्रि के समय चतुर्दशी तिथि रहे तो उसी दिन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। 

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ऊं नम: शिवाय का करें जाप
महाशिवरात्रि का व्रत फागुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। तड़के से रात के आखिरी पहर तक व्रत रखने वालों को ऊं नमो शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। उपवास में रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। शिवरात्रि के अगले दिन सुबह जौ, तिल, खीर और बेलपत्र चढ़ाकर, हवन कर व्रत पूरा होता है।  

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