सड़े गले खंबे बदलने में सुस्त यूपीसीएल
यूपीसीएल के सड़े गले खंबे बदलने में यूपीसीएल की सुस्ती लोगों पर भारी पड़ सकती है। शहर में कई स्थानों पर बिजली के पोल खतरनाक तरीके से या तो झुके हुए है या फिर जड़ से खोखले हो चुके हैं। शहर के सभी...
यूपीसीएल के सड़े गले खंबे बदलने में यूपीसीएल की सुस्ती लोगों पर भारी पड़ सकती है। शहर में कई स्थानों पर बिजली के पोल खतरनाक तरीके से या तो झुके हुए है या फिर जड़ से खोखले हो चुके हैं।
शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर बिजली के खंबों की हालत दयनीय है। चकराता रोड, राजपुर रोड, गांधी रोड, सहारनपुर रोड, रेसकोर्स, धर्मपुर पर कई जगह बिजली के पोल लगभग गिरने की कगार पर हैं। लोहे के खम्बे अधिकांश जगह पर जंक लगने से खराब हुए हैं। यूपीसीएल की पुराने खंबे बदलने की योजना भी लम्बे समय से चल रही है लेकिन बेहद धीमी गति के कारण ये योजना भी असरकारी साबित नहीं हो पा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जोशी ने कौलागढ़, बसंत विहार, जीएमएस रोड पर बिजली के दर्जनों जर्जर खम्बों की सूची यूपीसीएल को सौंपी है। लेकिन तीन माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी तरह का हाल कैनाल रोड, जाखन, राजपुर रोड क्षेत्र का भी है। यहां पर सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र नेगी ने जर्जर पोल की शिकायत यूपीसीएल में की है। गांधी रोड, राजा रोड पर भी जर्जर खम्बे जड़ से खोखले हो चुके हैं। इनमें स्ट्रीट लाइट के भी पोल शामिल हैं जिनके नीचे से हर समय यातायात चलता रहता है।
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तय नहीं है खंबों की मियाद
बिजली के पोल कितनी मियाद के होते हैं इसका कोई सेट फार्मुला नहीं है। निरंजनपुर बिजलीघर के एसडीओ नारायण सिंह राणा के अनुसार अक्सर पानी वाली जगह के पोल जल्दी खराब होते हैं। जो जगह सूखी रहती है वहां पर लगे पोल ज्यादा चलते हैं। हर क्षेत्र में खराब पोल की निगरानी होती है। जिन्हें जरूरत पड़ने पर बदल लिया जाता है। शहर में कई बिजली के पोल दशकों से ठीक ठाक हालत में लगे हुए हैं।