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जंगलों की आग पर अफसरों ने सीएम को किया गुमराह

सीएम ने पिरूल के निस्तारण के दिए निर्देशदेहरादून। विशेष संवाददाताउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होते ही जंगलों में आग भड़कने लगी है। अफसर इसे जंगलों की आग नहीं बल्कि एहतियात के तौर पर उठाए जाने वाले...

जंगलों की आग पर अफसरों ने सीएम को किया गुमराह
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Feb 2017 08:30 PM
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सीएम ने पिरूल के निस्तारण के दिए निर्देश

देहरादून। विशेष संवाददाता

उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होते ही जंगलों में आग भड़कने लगी है। अफसर इसे जंगलों की आग नहीं बल्कि एहतियात के तौर पर उठाए जाने वाले कदम वर्निंग कंट्रोल बता रहे हैं। सीएम हरीश रावत ने अफसरों को पिरूल के निस्तारण को पुख्ता बंदोबस्त करने के निर्देश दिए।

सोमवार अपराह्न सीएम रावत ने सचिवालय में जंगलों में वनाग्नि को लेकर वन विभाग के अफसरों की बैठक की। सीएम रावत ने पीसीसीएफ राजेंद्र महाजन से पूछा कि जंगलों में ये आग अभी से क्यों तो पीसीसीएफ महाजन ने कहा कि अभी आग की कोई घटनाएं नहीं हुई। जंगलों को आग से बचाने को अभी कंट्रोल वर्निंग का काम चल रहा है। इसके लिए विभाग ने व्यापक कार्य योजना तैयार की है।

काबिलेगौर है कि चमोली और बागेश्वर के जंगलों में पिछले दिनों आग भड़क चुकी है, इससे एक हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जल चुका है, लेकिन विभागीय अफसर इसे भी छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। सीएम रावत ने कहा कि चीड़ के जंगलों के आसपास पिट खोदे जाएं और इनके मार्फत पिरूल का निस्तारण हो। वनों को आग से बचाने के लिए जन-जागरूकता अभियान शुरू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आग से बचाव को अभी से फायर वाचरों की व्यवस्था की जाए और एक ठोस प्लान तैयार करें। उन्होंने पीसीसीएफ को जिलाधिकारियों से भी समन्वय बनाने, आग की सूचनाओं की जानकारी देने को टोल फ्री नंबर जारी करने, आधुनिक संचाल प्रणाली का उपयोग करने पर जोर दिया।

रावत ने पीसीसीएफ से जंगलों में फायर लाइन के स्थिति के बारे में जानकारी ली। जंगलों में जगह-जगह जलाशय बनाने को कहा ताकि बरसात होने पर इनमें पानी एकत्र हो सके। उन्होंने कहा कि जलाशयों से जंगलों में आद्रता बनी रहने से भी आग भड़कने की संभावना कम रहेगी। बैठक में वन मंत्री दिनेश अग्रवाल, मुख्य सचिव एस रामास्वामी समेत कई अफसर मौजूद रहे।

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दो गुना बजट मांगा

पिछले साल राज्य में अग्निकांड के चलते लगभग 4400 हेक्टेयर जंगल जल कर खाक हो गया था। सरकार ने विभाग को आग पर नियंत्रण के लिए लगभग 22 करोड़ उपलब्ध कराए थे। विभाग ने इस दफा इसका दोगुना बजट का प्लान तैयार किया है। विभागीय अफसर इस बजट का कैसे बंदरबांट कर रहे हैं, विभागीय ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा भी हो चुका है। बरसात व सर्दियों के सीजन में भी विभाग आग पर काबू करने के नाम पर लाखों रुपये वाहनों पर खर्च कर रहा है।

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