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सचिन से मेरा भावनात्मक जुड़ाव : विवियन रिचर्डस

दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार वेस्टइंडीज के सर विवियन रिचर्डस ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर के टीम में रहते वर्ष 2011 में भारत के विश्वकप जीतने से उन्हें बहुत खुशी हुयी और सचिन से उनका अलग तरह का...

सचिन से मेरा भावनात्मक जुड़ाव : विवियन रिचर्डस
एजेंसीSun, 25 Jan 2015 02:34 PM
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दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार वेस्टइंडीज के सर विवियन रिचर्डस ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर के टीम में रहते वर्ष 2011 में भारत के विश्वकप जीतने से उन्हें बहुत खुशी हुयी और सचिन से उनका अलग तरह का भावनात्मक जुड़ाव है।
       
रिचर्डस ने कहा कि विश्वकप 2011 में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। मुझे बहुत खुशी है कि सचिन ने विश्वकप टीम का हिस्सा रहते हुये मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में विश्वकप जीतने के बाद ट्रॉफी अपने हाथों में उठाई। विश्वकप 2011 में वेस्टइंडीज क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद खिताब की रेस से बाहर हो गया था।
       
1975 और 1979 में विश्वकप जीतने वाली वेस्टइंडीज टीम का हिस्सा रहे रिचर्डस ने कहा कि 2011 में टूर्नामेंट में सचिन के होने के कारण मेरा एक अलग ही जुड़ाव था। यह वह समय था जब सचिन क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे।
       
वर्ष 2011 में भारत, श्रीलंका और बंगलादेश ने संयुक्त रूप से विश्वकप की मेजबानी की थी। वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि वह एक बिल्कुल अलग फॉर्मेट था और वेस्टइंडीज क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान से हारकर बाहर हो चुकी थी। जब भी आपकी टीम हारती है तो इस बात का दुख होता है। 
       
रिचर्डस ने कहा कि विश्वकप 2011 का मेरे साथ अलग ही तरह का भावनात्मक जुड़ाव था और इसका मुख्य कारण सचिन तेंदुलकर हैं। यह वही समय था जब सचिन क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में विचार कर रहे थे।
       
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की वेबसाइट पर रिचर्डस ने लिखा, 'मुझे लगता है कि जिस खिलाड़ी ने न सिर्फ भारतीय क्रिकेट को बल्कि विश्व क्रिकेट को इतना कुछ दिया हो, उनके लिये इससे ज्यादा सम्मान की बात क्या होगी कि उनके रहते टीम ने विश्व में अपना परचम लहराया और विश्वकप अपने नाम किया।
       
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के लिये वर्ष 2011 में विश्वकप अपने नाम करने का सबसे सुनहरा मौका था और उससे भी ज्यादा खुशी मुझे इस बात की थी कि जो सचिन ने क्रिकेट में रहते हुये किया। वह भी बहुत अच्छा है। 

सचिन के विश्वकप के बाद संन्यास लेने के बारे में उन्होंने कहा कि सचिन महान बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने क्रिकेट को नये कीर्तिमान रचे और जो किया, वह बहुत अच्छा था। मुझे लगता है कि विश्वकप जीतने के बाद जब सचिन ने संन्यास लेने के बारे में सोचा होगा तो उनके पास वह होगा जिसपर वह गर्व कर सकते हैं। अपने परिश्रम और खेल के लिये प्रतिबद्धता जाहिर करने के लिये भी उनके पास बहुत कुछ था।
       
उन्होंने कहा कि सचिन बेहतरीन खिलाड़ी हैं और उनका खेलने का अपना अलग ही अंदाज है। इसके अलावा घरेलू मैदान पर विश्वकप जीतना उनके लिसे केक काटने के बराबर होगा।
       
सचिन के इतिहास बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि सचिन 1992 से 2011 तक रिकॉर्ड छह बार विश्वकप टूर्नामेंट का हिस्सा रहे हैं। उनके नाम टूर्नामेंट के इतिहास में सर्वाधिक दो हजार से अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है।
       
वर्ष 2011 के विश्वकप फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी जिसके करीब दो साल बाद सचिन ने वर्ष 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इस साल 14 फरवरी से 29 मार्च तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विश्वकप का आयोजन होगा।

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