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Hindi News'नाकामियों से सचिन को शर्मिंदा होते नहीं देखना चाहता'

'नाकामियों से सचिन को शर्मिंदा होते नहीं देखना चाहता'

ज्योफ्री बायकॉट का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज़ में नाकामी से सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के सभी प्रारूपों को अलविदा कह सकते हैं और क्रिकेटप्रेमी नहीं चाहते कि वह लगातार नाकामियों से...

'नाकामियों से सचिन को शर्मिंदा होते नहीं देखना चाहता'
Fri, 28 Dec 2012 03:48 PM
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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ज्योफ्री बायकॉट का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज़ में नाकामी से सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के सभी प्रारूपों को अलविदा कह सकते हैं और क्रिकेटप्रेमी नहीं चाहते कि वह लगातार नाकामियों से शर्मिंदा हों।
     
बायकॉट ने कहा कि मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में वह रन बनाना चाहता होगा क्योंकि हममें से कोई उसे बार बार मिल रही नाकामी से शर्मिंदा होते नहीं देखना चाहता।
    
उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा कि यदि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह रन नहीं बनाता है तो मुझे यकीन है कि वह टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह देगा। लेकिन हम दुआ करेंगे कि वह रन बनाये।
    
क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार तेंदुलकर ने रविवार को वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। इसके साथ ही 23 साल के सुनहरे करियर का अंत हो गया जिसमें उन्होंने अनगिनत बल्लेबाजी रिकॉर्ड अपने नाम किये।
     
बायकॉट ने तेंदुलकर के फैसले को समझदारी भरा बताते हुए कहा कि यह दुखद है लेकिन यही जिंदगी का सच है। उम्र के साथ हमें स्वीकार करना होता है कि अब हम वह सब नहीं कर सकते जो पहले करते थे। यह स्वीकार कर पाना आसान नहीं है।
    
उन्होंने कहा कि उसके लिये यह काफी कठिन था। वह वनडे क्रिकेट में भी अदभुत बल्लेबाज रहा है लेकिन यादों के सहारे नहीं जिया जा सकता। उसने समझदारी भरा फैसला लिया है।
     
यह पूछने पर कि क्या टेस्ट प्रारूप में भारत को सचिन की अधिक जरूरत है, उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उसे वही करना चाहिये जो उसके लिये सर्वश्रेष्ठ हो। वह जिस भी प्रारूप में अच्छा खेलेगा, भारतीय टीम का ही भला होगा।

बायकॉट ने कहा कि तेंदुलकर कुछ समय से भारत के लिये टी20 नहीं खेल रहा था। आज, आधुनिक क्रिकेट में, वनडे क्रिकेट खिलाड़ी के शरीर के लिये शारीरिक रूप से काफी थकाने वाला हो गया है। हम सभी सचिन को काफी पसंद करते हैं, इसमें मैं भी शामिल हूं। उसने कभी भी किसी को निराश नहीं किया, वह प्रतिस्पर्धी रहा लेकिन कोई भी उसे शीर्ष फील्डर नहीं कह सकता।
    
यॉर्कशर के इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि इसलिये जैसे वह हम सभी की तरह बूढ़ा हो रहा है, वह युवाओं की तरह तेजी से भाग नहीं सकता। वह उनकी तरह डाइव नहीं कर सकता।
    
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वह बहुत अच्छा डाइव करता था, लेकिन आधुनिक क्रिकेट में आपसे डाइव करने की उम्मीद की जाती है। यह आधुनिक प्रक्रिया है और इसमें वह खुद को कुछ ज्यादा ही चोट लगा सकता है। जैसे आप बूढ़े होते हो तो आप गलत तरीके से गिरते हो, जिससे आपके शरीर पर ज्यादा चोट लगती है और आसानी से खरोंचे आ जाती हैं। यह सामान्य है।
    
बायकॉट ने कहा कि वह खुद को फिट रखने पर ध्यान लगा सकता है और जितना चाहे क्षेत्रीय क्रिकेट खेल सकता है। यही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सचिन टेस्ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट में महान खिलाड़ियों में शामिल रहेगा लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इसमें अन्य खिलाड़ी भी मौजूद है।
     
तेंदुलकर ने 463 वनडे में 44.83 के औसत से 18,426 रन जुटाये हैं और इसमें उनके नाम एक दोहरे शतक के साथ 49 वनडे शतक भी शामिल हैं। वह वनडे में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले क्रिकेटर हैं।

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