सचिन मेरे युग का महानतम क्रिकेटर : मुरलीधरन
श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने भारतीय क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर को अपनी पीढ़ी का महानतम क्रिकेटर करार देते हुए कहा कि उनका विकेट हमेशा हमारे लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा। मुरलीधरन,...
श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने भारतीय क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर को अपनी पीढ़ी का महानतम क्रिकेटर करार देते हुए कहा कि उनका विकेट हमेशा हमारे लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा।
मुरलीधरन, जिनके साथ तेंदुलकर ने कई कड़े मुकाबले हुए है, ने कहा कि वर्षों तक की गयी अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण ने तेंदुलकर को लीजेंड बनाया। उन्होंने पूरे उत्साह, जोश और गरिमा के साथ क्रिकेट खेली।
अपने 20 के अंतरराष्ट्रीय करियर में 800 टेस्ट विकेट और 500 से अधिक वनडे विकेट लेने वाले इस 41 वर्षीय ऑफ स्पिनर ने कहा कि औसत के मामले में भले ही सर डॉन ब्रैडमैन का जवाब नहीं लेकिन रनों और लंबे समय तक क्रिकेट में बने रहने के मामले में तेंदुलकर को अपने युग का महानतम क्रिकेटर माना जाएगा।
मुरलीधरन ने दिये गए विशेष साक्षात्कार में कहा कि सचिन मेरे युग का महानतम क्रिकेटर है। वह आधुनिक युग का महान है। उनका जुनून, समर्पण, प्रत्येक मैच से पहले कड़ी मेहनत और क्रिकेट के प्रति उनका प्यार को मैं सलाम करता हूं और इससे वह महानतम खिलाड़ी बने।
उन्होंने कहा कि मैंने अन्य को नहीं देखा। मैंने डॉन ब्रैडमैन को बल्लेबाजी करते हुए नहीं देखा। यदि आप औसत पर गौर करो तो ब्रैडमैन का जवाब नहीं लेकिन यदि आप सचिन के आंकड़े, उन्होंने जितने अधिक रन बनाए, उनका लंबे समय तक क्रिकेट में बने रहना जो उन्हें मेरे समय का महानतम क्रिकेटर बनाते हैं। उनकी तरह कोई भी इतने लंबे समय तक नहीं खेल पाया। मुझे यह कहते हुए किसी तरह का संदेह नहीं कि वह वह महानतम हैं।
मुरलीधरन ने कहा कि खेल के प्रति उनका प्यार, उनका रवैया, प्रत्येक मैच से पहले कड़ा अभ्यास करना, मैच की तैयारी में घंटों पसीना बहाना, इससे ही महान खिलाड़ी बनते हें। सचिन अदभुत है और मैं 24 साल पहले जिस इंसान से मिला था वह आज भी वैसा ही है।
तेंदुलकर ने शनिवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना 200वां और आखिरी टेस्ट मैच खेलकर क्रिकेट को अलविदा कहा। उन्होंने अपने करियर में 200 टेस्ट मैचों में 15,921 रन और 463 वनडे में 18,426 रन बनाए। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले अकेले बल्लेबाज हैं।
मुरलीधरन का तेंदुलकर से पहली बार 1993 में एकदिवसीय सीरीज के दौरान आमना सामना हुआ। उन्होंने कहा कि वह कई वजहों से तेंदुलकर से प्रेरित हैं। इस महान स्पिनर ने कहा कि उन्होंने मुझे अपने खेल के प्रति अपने जुनून और समर्पण से प्रेरित किया। उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। वह सच्चे भद्रजन की तरह खेले। उन्होंने बेहद सम्मानजनित तरीके से खुद को आगे बढ़ाया। वह हमेशा विनम्र और शांतचित व्यक्ति रहे। वह बेजोड़ थे।
कई का मानना है कि भारतीय बल्लेबाजी की नई सनसनी और उप कप्तान विराट कोहली सचिन के संभावित उत्तराधिकारी हैं लेकिन मुरलीधरन ने कहा कि तुलना का कोई मतलब नहीं बनता है।
उन्होंने कहा कि दो चीजें एक समान नहीं हो सकती है। विराट कोहली युवा प्रतिभाओं में शानदार है। मेरे लिए यह कहना सही नहीं होगा कि भारत ने कोहली के रूप में दूसरा सचिन ढूंढ लिया है। समय ही बताएगा। सचिन को महान बनने में 24 साल लगे और कोहली ने अभी शुरुआत की है।
मुरलीधरन ने कहा कि यदि कोहली अपनी प्रतिभा को सही इस्तेमाल करता रहा। जैसा वह अभी खेल रहा है वैसे ही खेलता रहा। यदि वह अनुशासन और समर्पण दिखाता है तो फिर महानतम खिलाड़ियों में से एक बन सकता है लेकिन अभी सचिन महानतम हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे कोहली का रवैया और रनों की भूख पसंद है। आईपीएल में (आरसीबी की तरफ से) वह मेरा कप्तान था। मैंने उसकी हमेशा जीत और बड़े स्कोर बनाने की भूख देखी है। वह प्रतिभाशाली क्रिकेटर है। सचिन निश्चित तौर पर सर्वकालिक महान खिलाड़ी है। सचिन अपने करियर में पहले ही सब कुछ हासिल कर चुका है और कोहली उसे हासिल करने की प्रक्रिया में है।
मुरलीधरन ने कहा कि यह स्टार बल्लेबाज सभी तरह की परिस्थितियों और गेंदबाजी के सामने सर्वश्रेष्ठ था और विरोधी टीमों को उनके लिए खास रणनीति बनानी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि उन्हें रोक पाना हमेशा मुश्किल रहा। उन्हें आउट करना हमेशा मुश्किल रहा। उनका विकेट हमारे लिए हमेशा बेहद महत्वपूर्ण रहा। हमने उनके विकेट के लिए हमेशा खास रणनीति बनायी।
मुरलीधरन ने कहा कि मैं उनकी खुशहाल जिंदगी की कामना करता हूं। उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं। मैं उन्हें मेंटर के रूप में युवा खिलाड़ियों की मदद करते हुए देखना चाहता हूं।