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बीसीसीआई को सहारा से मुद्दे सुलझाने की उम्मीद

सहारा के टीम इंडिया के प्रायोजन से हटने और पुणे वॉरियर्स का मालिकाना हक छोड़ने के हैरानी भरे फैसले के एक दिन बाद बीसीसीआई इस कॉरपोरेट ग्रुप को मनाकर अपने वित्तीय समर्थन को बरकरार रखने का प्रयास कर रहा...

बीसीसीआई को सहारा से मुद्दे सुलझाने की उम्मीद
Sun, 05 Feb 2012 02:37 PM
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सहारा के भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन से हटने और आईपीएल फ्रेंचाइजी पुणे वॉरियर्स का मालिकाना हक छोड़ने के हैरानी भरे फैसले के एक दिन बाद बीसीसीआई इस कॉरपोरेट ग्रुप को मनाकर अपने वित्तीय समर्थन को बरकरार रखने का प्रयास कर रहा है।
    
पिछले 11 वर्षों से भारतीय टीम के प्रायोजक सहारा ने शनिवार को यह शिकायत करते हुए बीसीसीआई से नाता तोड़ने का फैसला किया कि खिलाड़ियों और आईपीएल के मैचों की संख्या के संबंध में उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया।
    
सहारा ने बीसीसीआई के साथ एक जुलाई 2010 को करार का नवीनीकरण किया था जो 31 दिसंबर 2013 तक के लिए था। इसके तहत सहारा हर टेस्ट, वनडे और टी20 मैच के लिए तीन करोड़ 34 लाख रूपए का भुगतान कर रहा था। यह अनुबंध 532 करोड़ रूपए का था।
     
सहारा ने पिछले साल आईपीएल में प्रवेश करने का फैसला किया और पुणे वॉरियर्स को 1702 करोड़ रूपए में खरीदा जो टवेंटी20 टूर्नामेंट की सबसे महंगी फ्रेंचाइजी थी। अगर सहारा अपने फैसले पर अडिग रहता है तो बीसीसीआई को 2234 करोड़ रूपए का नुकसान होगा। हालांकि बोर्ड इस नुकसान से निपटने के लिए दूसरा प्रायोजक ढूंढ सकता है।
    
इस फैसले से हैरान बीसीसीआई बीते समय में लंबे वक्त के लिए प्रायोजक ढूंढने में जूझ रही है और वह इस कंपनी से जुड़े रहना चाहती है। आईपीएल के एक शीर्ष स्तरीय सूत्री ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि पुणे वॉरियर्स आईपीएल में भाग लेगी और यह मामला सुलझ जाएगा। उन्होंने हटने के बारे में हमें लिखित तौर पर कुछ नहीं दिया है।

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