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आईपीएल टीमों के लिए संकटमोचक बने कैरेबियाई क्रिकेटर

विस्फोटक क्रिस गेल ने बल्ले से आतिश उगला तो सुनील नारायण ने फिरकी का जादू चलाकर बल्लेबाजों की धज्जियां...

आईपीएल टीमों के लिए संकटमोचक बने कैरेबियाई क्रिकेटर
Thu, 24 May 2012 05:56 PM
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विस्फोटक क्रिस गेल ने बल्ले से आतिश उगला तो सुनील नारायण ने फिरकी का जादू चलाकर बल्लेबाजों की धज्जियां उड़ाई। वेस्टइंडीज की टीम भले ही इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में जूझ रही हो लेकिन उसके कई खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग की टीमों में संकटमोचक साबित हुए हैं।

क्रिस गेल, सुनील नारायण, ड्वेन ब्रावो, डवेन स्मिथ और केवोन कूपर जैसे कैरेबियाई खिलाड़ियों ने आईपीएल में अपना जलवा बिखेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन क्रिकेटरों ने अपनी टीमों को कई मैचों में जीत दिलाई लेकिन यह हैरानी की बात है कि इनमें से किसी को भी वेस्टइंडीज की टीम में जगह नहीं मिल पाई है।

वेस्टइंडीज की टीम ने जब लार्ड्स में इंग्लैंड से पहला टेस्ट मैच पांच विकेट से गंवाया तब भारतीय सरजमीं पर क्रिकेट प्रेमियों की जुबान पर गेल, सुनील नारायण और ब्रावो जैसे कैरेबियाई क्रिकेटरों के नामों की चर्चा थी। गेल अपने क्रिकेट बोर्ड के साथ विवाद के कारण पिछले साल विश्व कप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं खेले हैं।

इस बीच हालांकि गेल ने ट्वंटी20 में अपना खूब जलवा दिखाया। उन्हें आईपीएल में लगातार दूसरे साल सर्वाधिक रन बनाने के लिए ओरेंज कैप मिलना तय है। गेल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर भले ही आईपीएल से बाहर हो गई हो लेकिन बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के 733 रन की संख्या तक पहुंचना किसी अन्य बल्लेबाज के बूते में नहीं लग रहा है।

गेल ने इस आईपीएल में 61.08 की औसत से रन बनाए तथा रिकार्ड 59 छक्के लगाए। दुनिया के क्रिकेट प्रेमी उन्हें वेस्टइंडीज की टीम में देखना चाहते हैं। वह संभवत: वनडे के लिए राष्ट्रीय टीम में वापसी करें लेकिन टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक जड़ने वाले गेल की कमी टीम को टेस्ट सीरीज में खल रही है।

बेंगलूर ने जितने भी मैच जीते उनमें गेल की भूमिका अहम रही। इसी तरह से रहस्यमयी ऑफ स्पिनर नारायण कोलकाता नाइटराइडर्स की नैया पार लगाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। केकेआर ने 23 वर्षीय नारायण पर जुआ खेला और वह टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित हुए।

केकेआर यदि फाइनल में पहुंच पाया है तो नारायण ने उसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने अब तक 14 मैच में 11.95 की औसत से पांच विकेट लिए हैं। यही नहीं उन्होंने अब तक प्रति ओवर केवल 5.29 रन दिए हैं जिसे टी20 में बेहतरीन आंकड़ा माना जा सकता है।

इंग्लैंड में नारायण काफी कारगर साबित हो सकते थे। उन्होंने अब तक वेस्टइंडीज की तरफ से आठ वनडे मैच खेले हैं जिसमें 20.00 की औसत से 14 विकेट लेकर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। यही नहीं छह प्रथम श्रेणी मैचों में 11.88 की औसत से 34 विकेट के प्रदर्शन से पता चलता है कि नारायण लंबी अवधि के मैचों में भी सफल हो सकते हैं।

गेल की तरह डवेन ब्रावो ने भी दिसंबर 2010 से टेस्ट मैच नहीं खेले हैं। लेकिन चेन्नई के लिए उनका वेस्टइंडीज टीम से बाहर रहना वरदान साबित हो रहा है। ब्रावो ने अपनी जबर्दस्त हिटिंग और डेथ ओवरों में किफायती गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया है। इस आलराउंडर ने अब तक चेन्नई की तरफ से सभी 17 मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 338 रन बनाए और 13 विकेट लिए हैं।

ब्रावो ने एलिमिनेटर मैच में कल मुंबई इंडियन्स के खिलाफ जिस तरह से धमाकेदार बल्लेबाजी और जानदार गेंदबाजी की उससे संभवत: कैरेबियाई चयनकर्ताओं की आंख खुलेगी। मुंबई इंडियन्स में वेस्टइंडीज के दो खिलाड़ी हैं। इनमें से कीरोन पोलार्ड तो अपना खास जलवा नहीं दिखा पाए लेकिन ड्वेन स्मिथ ने जो सात मैच खेले उनमें खुद को मैच विजेता साबित करने की पूरी कोशिश की। वह स्मिथ ही थे जिन्होंने लीग चरण में बेन हिल्फेनहास जैसे गेंदबाज की आखिरी तीन गेंद पर 14 रन लेकर मुंबई को चेन्नई के खिलाफ रोमांचक जीत दिलाई थी।

स्मिथ को शुरुआती मैचों में नहीं उतारना शायद मुंबई की भूल थी क्योंकि बाद में उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ अच्छी सलामी जोड़ी बना ली थी। आईपीएल में सात मैच में 157 रन बनाने वाले स्मिथ पिछले छह साल से टेस्ट और पिछले दो साल से वनडे नहीं खेल पाए हैं। पोलार्ड कुछ मैचों में ही अपना जलवा दिखा पाए। उन्होंने 14 मैच में 220 रन बनाए और उनके बल्ले से केवल 14 छक्के निकले। उन्होंने गेंदबाजी में इसकी भरपायी करने की कोशिश की। पोलार्ड ने 21.87 की औसत से 16 विकेट लिए।

राजस्थान रॉयल्स के शुरुआती मैचों में केवोन कूपर ने बहुत अच्छा खेल दिखाया। कूपर ने चोटिल होने से पहले छह मैच में 90 रन बनाए और दस विकेट लिए। उनके प्रदर्शन से रॉयल्स के कप्तान राहुल द्रविड़ बेहद प्रभावित थे। उन्होंने कहा था कि उनकी फ्रेंचाइजी ने जो दांव खेला था वह सही था। कूपर ने अभी तक अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं।

आंद्रे रसेल ने दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से केवल तीन मैच खेले लेकिन उन्होंने अपनी पावर हिटिंग से दर्शकों को रोमांचित किया। मर्लोन सैमुअल्स ने भी राष्ट्रीय टीम में जुड़ने से पहले कुछ मैचों में अच्छा खेल दिखाया था। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में उन्होंने बेहतरीन पारी खेली थी।

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