फोटो गैलरी

Hindi Newsधौनी हटे तो कौन संभालेगा टीम की कप्तानी!

धौनी हटे तो कौन संभालेगा टीम की कप्तानी!

भारतीय टीम के विदेश में लगातार घटिया प्रदर्शन के बाद बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि टीम के साथ क्या किया जाए? बोर्ड ने बतौर कोच डंकन फ्लेचर के पंख कतरते हुए उनके ऊपर रवि शास्त्री की नियुक्ति कर दी है।...

धौनी हटे तो कौन संभालेगा टीम की कप्तानी!
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 20 Aug 2014 06:52 PM
ऐप पर पढ़ें

भारतीय टीम के विदेश में लगातार घटिया प्रदर्शन के बाद बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि टीम के साथ क्या किया जाए? बोर्ड ने बतौर कोच डंकन फ्लेचर के पंख कतरते हुए उनके ऊपर रवि शास्त्री की नियुक्ति कर दी है। बॉलिंग कोच और फील्डिंग कोच को हटा दिया गया है। कई पूर्व खिलाड़ियों को लगता है टीम की कप्तानी से महेंद्र सिंह धौनी को हटा देना चाहिए। लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा सवाल यह है कि भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी संभालने के लिए और कौन से खिलाड़ी मौजूद हैं ? धौनी (349 रन), मुरली विजय (402)के बाद पटौदी सीरीज में दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे।

आउट ऑफ फॉर्म विराट हैं दूसरे दावेदार
पटौदी सीरीज के बीच में सबसे पहले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल ने धौनी को कप्तानी से हटाने की बात कही थी। उन्होंने भारतीय कप्तानी के लिए विराट कोहली को उपयुक्त बतया था। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि एक ऐसे खिलाड़ी को कप्तान कैसे बनाया जा सकता है जो खुद पूरी सीरीज में फ्लॉप रहा है। विराट ने सीरीज की 10 पारियों में महज 134 रन बनाये हैं। वह फॉर्म पाने को जूझते हुए नजर आये।

गंभीर और रोहित कर चुके हैं कप्तानी
गौतम गंभीर कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से आईपीएल में कप्तानी कर चुके हैं। उन्होंने दो बार अपनी टीम को  खिताबी जीत दिलाई है। लेकिन हाल में टीम में लंबे अर्से के बाद वापसी की और पटौदी ट्रॉफी में 4 पारियों में महज 25 रन बनाये। ऐसे में वह भी टेस्ट कप्तानी के खांचें में फिट नहीं बैठते हैं। उन्होंने कोलकाता नाइटराइडर्स को 50 जीत दिलाई हैं। वहीं रोहित शर्मा मुंबई इंडियंस की तरफ से कप्तानी कर चुके हैं लेकिन इंग्लैंड दौरे में वह महज 1 मैच खेले जिसमें उन्होंने 34 रन बनाये। उनका फॉर्म अक्सर डांवाडोल रहता है, इस लिहाज से वह भी कप्तानी के खांचे में फिट नहीं बैठते।

क्या गेंदबाज बनेगा कप्तान
कपिल देव और अनिल कुंबले के बाद कभी भी कोई गेंदबाज टीम का कप्तान नहीं बना है, ऐसे में क्या किसी गेंदबाज को कप्तानी दी जा सकती है? आर अश्विन का घरेलू पिचों में तो रिकॉर्ड बेहतरीन रहता है। लेकिन विदेश में जाते ही उन्हें रिजर्व खिलाड़ी बना दिया जाता है। इस दौरे में भी उन्हें महज 2 टेस्ट खेलने को मिले जिसमें वह 3 विकेट ही ले पाये। ऐसे में उनके कप्तान बनने की संभावना क्षीण नजर आती है। वहीं भुवनेश्वर कुमार, इशांत शर्मा व अन्य गेंदबाजों को शायद मौका मिले।

क्या बोले दिग्गज
धौनी ने मुश्किल परिस्थिति में बल्लेबाजी की।अगर उसके उदाहरण से पूरी टीम ने सीख नहीं ली तो मुङो नहीं लगता कि आप कप्तान को दोषी ठहरा सकते हो। उनके अलावा कोई विकल्प नहीं है और मैं उसे ही कप्तान बनाये रखने का समर्थन करूंगा।
सुनील गावस्कर, पूर्व कप्तान

धौनी ने टीम की अगुवाई सही से नहीं की, उनकी रणनीति में काफी कमी नजर आई है।
दिलीप वेंगसरकर, पूर्व भारतीय कप्तान

टीम के प्रदर्शन की अंतिम जिम्मेदारी कप्तान और उनकी खिलाड़ियों पर होती है। प्रदर्शन के लिये सब कुछ कप्तान और उनके खिलाड़ियों पर निर्भर करता है।
सैयद किरमानी,पूर्व विकेटकीपर, भारत

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें