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कप्तान धौनी को मिला गावस्कर और गांगुली का भी साथ

बांग्लादेश के हाथों दूसरे वनडे में भारत की हार के बाद धौनी ने भावनाओं में बहकर कह दिया था कि यदि उनके कप्तानी छोड़ने से भारतीय क्रिकेट के अच्छे दिन आ जाएंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं। इस बयान के बाद...

कप्तान धौनी को मिला गावस्कर और गांगुली का भी साथ
एजेंसीTue, 23 Jun 2015 05:12 PM
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बांग्लादेश के हाथों दूसरे वनडे में भारत की हार के बाद धौनी ने भावनाओं में बहकर कह दिया था कि यदि उनके कप्तानी छोड़ने से भारतीय क्रिकेट के अच्छे दिन आ जाएंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं। इस बयान के बाद पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और सौरव गांगुली ने उनका साथ देते हुए कहा कि टीम इंड़िया को धौनी जैसे कप्तान की जरूरत है।

धौनी को अभी काफी योगदान देना है
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने महेंद्र सिंह धौनी को भारत का सर्वश्रेष्ठ वनडे कप्तान करार देते हुए कहा कि उनका दौर अभी खत्म नहीं हुआ है और वह अभी भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान दे सकते हैं। बांग्लादेश के खिलाफ भारत तीन मैचों की सीरीज के पहले दोनों मैच हार गया जिसके बाद धौनी ने कहा कि यदि भारतीय क्रिकेट को मदद मिलती है तो वह कप्तानी छोड़ने के लिए तैयार हैं।

गावस्कर ने हालांकि कहा कि यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी और इसका फैसला धौनी पर छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि यह फैसला उन पर छोड़ देना चाहिए। आप उनसे उनकी उपलब्धियां नहीं छीन सकते। वह अब तक भारत का सर्वश्रेष्ठ कप्तान है। उन्होंने हर उपलब्धि हासिल की चाहे वह टी20, वनडे, चैंपियन्स ट्रॉफी या विश्व कप हो। वह भारत को टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक रैकिंग तक ले गए। इसलिए उनकी उपलब्धियां अनगिनत हैं।

गावस्कर ने कहा कि धौनी इसके लिए सम्मान के हकदार है और यह फैसला उन्हें करना है कि क्या वह इस पद के लिए खुद को उपयुक्त मानते हैं या फिर उनमें अभी जोश बाकी है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें कप्तानी से हटाना सही होगा। यह फैसला उन पर छोड़ देना चाहिए।

गावस्कर से पूछा गया कि धौनी का अब भी वनडे कप्तान होना क्या भारतीय क्रिकेट के लिए फायदेमंद है उन्होंने कहा, हां मेरा मानना है कि उनका कप्तान होना भारतीय क्रिकेट के लिए फायदेमंद है। वह अभी काफी योगदान दे सकते हैं।

गावस्कर ने कहा, हां बांग्लादेश के खिलाफ परिणाम दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इसके लिए कुछ श्रेय बांग्लादेश को भी दीजिए। उन्होंने बेहतरीन क्रिकेट का नजारा पेश किया। बांग्लादेश के पास एक नया गेंदबाज मुस्तफीजुर रहमान  है और भारतीय बल्लेबाजों के पास उसकी बायें हाथ से की गयी कोण लेती गेंदों का कोई जवाब नहीं है। मैं समझता हूं कि बांग्लादेश से हार को पचाना आसान नहीं लेकिन हमें जल्दी में कोई प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए।

खराब दौर से गुजर रहे धौनी पहले वनडे के दौरान बांग्लादेश की तेज गेंदबाजी की नई सनसनी मुस्तफीजुर से मैदान पर टकरा गये थे जिसके कारण उन्हें अपनी मैच फीस का 75 प्रतिशत हिस्सा गंवाना पड़ा।

गावस्कर से पूछा गया कि क्या धौनी के व्यवहार में कोई बदलाव आया है, उन्होंने कहा, नहीं ऐसा नहीं है। वह अच्छा लगता है। वह अभी 33 साल का है और हो सकता है कि 35 या 36 साल की उम्र में वह केवल खिलाड़ी के रूप में खेलना चाहे क्योंकि कप्तान के रूप में आपकी अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है। आपको टीम में प्रत्येक के बारे में सोचना होता है और यह 36 साल में बोझ हो सकता है लेकिन अभी नहीं। मुझे लगता है कि वह अभी काफी योगदान दे सकते हैं।

गांगुली ने कहा, धौनी को सम्मान और समय दीजिए
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने आलोचकों के निशाने पर चल रहे महेंद्र सिंह धौनी के लिए सम्मान की मांग करते हुए कहा कि कप्तान के रूप में वनडे में उनका बेजोड़ रिकॉर्ड है और उन्हें फैसला करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

बांग्लादेश के हाथों दूसरे वनडे में भारत की हार के बाद धौनी ने भावनाओं में बहकर कह दिया था कि यदि उनके कप्तानी छोड़ने से भारतीय क्रिकेट के अच्छे दिन आ जाएंगे तो वह इसके लिये तैयार हैं। गांगुली ने कहा कि किसी को भी उनकी इस बात को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए क्योंकि धौनी ने निराशा में ऐसी बात की।

गांगुली ने एक टीवी चैनल से कहा कि उन्होंने मौके की नजाकत के अनुसार यह बात कर दी और यह सही नहीं है। वह हार से परेशान था। उस बात को वहीं छोड़ दो। सभी को बैठकर सोचना होगा। एम एस धौनी को नीचा मत दिखाओ। उनका वनडे में शानदार रिकॉर्ड है। उन्हें सम्मान दो।

इस पूर्व कप्तान से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि गांगुली को 2016 विश्व टी20 तक कप्तान बनाए रखना चाहिए, उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति का फैसला नहीं है। अभी शांति बरतो। सीरीज समाप्त होने दो। इस तरह के फैसले रातों रात नहीं किए जा सकते।

उन्होंने कहा कि जो भी फैसला करें उन्हें लंबी अवधि को ध्यान में रखना होगा। वहां बीसीसीआई अध्यक्ष, सचिव और पदाधिकारी हैं। उसे पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। गांगुली को याद दिलाया गया कि वह बीसीसीआई की सलाहकार समिति में है ओर बोर्ड को इस बारे में सुझाव दे सकते हैं, उन्होंने कहा, मुझे पक्के तौर पर पता नहीं है कि यह सलाहकार समिति का हिस्सा है।

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