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दिल्ली का विजय अभियान रोककर पुणे ने जगायी आस

रजत भाटिया की कसी हुई गेंदबाजी के बाद सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की सधी हुई पारी और अन्य बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से राइजिंग पुणे सुपरजाइंटस ने दिल्ली डेयरडेविल्स को उसके घरेलू मैदान फिरोजशाह...

दिल्ली का विजय अभियान रोककर पुणे ने जगायी आस
एजेंसीFri, 06 May 2016 12:10 AM
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रजत भाटिया की कसी हुई गेंदबाजी के बाद सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की सधी हुई पारी और अन्य बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से राइजिंग पुणे सुपरजाइंटस ने दिल्ली डेयरडेविल्स को उसके घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला पर आखिरी मैच में सात विकेट से हरा कर आईपीएल नौ में अपनी उम्मीदें जीवंत रखी।

टॉस गंवाने के बाद बल्लेबाजी के लिये उतरे डेयरडेविल्स के बल्लेबाजों ने क्रीज पर पांव जमाने के बाद अपने विकेट गंवाए। कप्तान जेपी डुमिनी (32 गेंदों पर 34), करुण नायर (23 गेंदों पर 32), सैम बिलिंग्स (15 गेंदों पर 24), कार्लोस ब्रेथवेट (आठ गेंद पर 20) और संजू सैमसन (17 गेंदों पर 20 रन) सभी के पास दमदार पारी खेलने का मौका था लेकिन उन्होंने जल्दबाजी में अपने विकेट गंवाए, जिससे डेयरडेविल्स सात विकेट पर 162 रन तक ही पहुंच पाया। सुपरजाइंटस के गेंदबाजों की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने बल्लेबाजों को हावी नहीं होने दिया। रजत भाटिया उसके सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 22 रन देकर चार विकेट लिए।

इसके बाद रहाणे (48 गेंदों पर नाबाद 63) और आईपीएल में अपना पहला मैच खेल रहे उस्मान ख्वाजा (27 गेंदों पर 30) ने पहले विकेट के लिए 50 गेंदों पर 59 रन जोड़कर सुपरजाइंटस को ठोस लेकिन धीमी शुरुआत दिलायी। उन्होंने इसके बाद सौरभ तिवारी (21) के साथ 45 और महेंद्र सिंह धौनी (20 गेंदों पर दो छक्कों की मदद से 27 रन) के साथ 42 रन की उपयोगी साझेदारियां की। तिसारा परेरा ने आखिर में पांच गेंदों पर नाबाद 14 रन बनाकर सुपरजाइंटस का स्कोर तीन विकेट पर 166 रन पर पहुंचाया। 

पुणे के लिए यह करो या मरो वाला मैच था। उसकी यह नौवें मैच में तीसरी जीत है जिससे उसके छह अंक हो गए। दिल्ली को आठवें मैच में तीसरी और कोटला में दूसरी हार झेलनी पड़ी। उसके अब आठ मैचों में दस अंक है और वह पहले की तरह तीसरे स्थान पर बना हुआ है।

सुपरजाइंटस की सलामी जोड़ी के रूप दो एक जैसे मिजाज वाले बल्लेबाज क्रीज पर उतरे। ख्वाजा और रहाणे को लंबे शाट खेलने के लिए नहीं जाना जाता है और इसलिए शुरू से इन दोनों ने खाली स्थानों से गेंद निकालने पर ध्यान दिया। ख्वाजा ने इस बीच आफ स्पिनर जयंत यादव पर छक्का भी जमाया लेकिन इसके अलावा अधिकतर समय वह स्पिनरों के सामने जूझते रहे। अमित मिश्रा ने आखिर में उन्हें अपनी गुगली पर गच्चा दिया और सैमसन ने स्टंप आउट करने में गलती नहीं की।

मिश्रा ने गुगली पर अधिक भरोसा दिखाया। सौरभ तिवारी ने उनकी ऐसी ही एक गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाया लेकिन डेयरडेविल्स की तरह सुपरजाइंटस के बल्लेबाज भी कुछ अवसरों पर ही दर्शकों में जोश भर पाये। उदघोषक की कोशिश भी उनको उत्साहित करने में नाकाम रही। सुपरजाइंटस के लिये हालांकि स्कोर बोर्ड का चलायमान रहना महत्वपूर्ण था और उसके बल्लेबाज इसमें सही राह पर आगे चल रहे थे।

दर्शकों में जोश तिवारी (21) के आउट होने से भरा क्योंकि इसके बाद उनके चहेते धौनी ने क्रीज पर कदम रखा। उनका गेंदबाज पवन नेगी के सिर के ऊपर से लगाया गया छक्का सही मायनों में गगनचुंबी था, जो अंबडेकर स्टेडियम छोर के तीसरी मंजिल से टकराया। इस बीच रहाणे ने 38 गेंदों पर अपने करियर का 29वां और इस सत्र का पांचवां शतक पूरा किया। इमरान ताहिर ने अपने पहले तीन ओवर में केवल 12 रन दिये जबकि मिश्रा का आखिरी ओवर किफायती रहा जिससे गेंद और रनों के बीच अंतर बढ़ गया।

पुणे को आखिरी तीन ओवर में 37 रन की जरूरत थी। डुमिनी ने ऐसे में ताहिर की जगह मोहम्मद शमी को गेंद थमायी जिन्होंने 18वें ओवर में 20 रन लुटा दिये। उन्होंने पांच वाइड की जबकि धोनी ने इसके बाद चौका और छक्का लगाया। ताहिर छोर बदलकर आये लेकिन उन्होंने धौनी को मिडविकेट पर कैच करवा दिया लेकिन तारीफ करनी होगी बिलिंग्स की जिन्होंने छक्के को कैच में बदला। परेरा ने हालांकि इसका असर नहीं पड़ने दिया उन्होंने ताहिर पर दो लंबे छक्के लगाकर पुणे की जीत सुनिश्चित कर दी।

डेयरडेविल्स की टीम कप्तान जहीर खान और बेहतरीन फार्म में चल रहे क्विंटन डिकाक और क्रिस मौरिस को विश्राम देकर डुमिनी की अगुवाई में युवा खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरी लेकिन उसके बल्लेबाजों में अनुभव की कमी साफ दिखी। सैमसन और ऋषभ पंत के रूप में इस सत्र में पांचवी सलामी जोड़ी आजमायी। गुजरात लायन्स के खिलाफ पिछले मैच में धमाकेदार अर्धशतक जड़ने वाले युवा पंत (आठ गेंद पर दो रन) हालांकि रंग में नहीं दिखे। अशोक डिंडा की सीधी गेंद को लाइन में आये बिना ड्राइव करने के प्रयास में वह बोल्ड हो गये।

सैमसन ने क्रीज पर कुछ समय बिताया लेकिन वह भी पावरप्ले के दौरान ही पवेलियन लौट गये। स्काट बोलैंड की गेंद पर उन्होंने रविचंद्रन अश्विन को कैच का अभ्यास कराया जिससे छह ओवर के बाद डेयरडेविल्स का स्कोर दो विकेट पर 48 रन हो गया।

इसके बाद गेंद सीमा रेखा तक पहुंचने के लिए तरस गई। अगले छह ओवरों में 35 रन बने लेकिन इसमें कोई भी बाउंड्री शामिल नहीं थी। इस बीच बल्लेबाजों पर भी दबाव बढ़ने लगा। इसे कम करने के लिये नायर ने भाटिया की गेंद कवर की तरफ उछाली लेकिन तिसारा परेरा ने दौड़ लगाकर बड़ी खूबसूरती से उसे कैच में तब्दील कर दिया। आखिर में बिलिंग्स ने आर अश्विन पर लांग आन और लांग आफ पर लगातार दो छक्के लगाकर फिरोजशाह कोटला की चुप्पी तोड़ी।

बिलिंग्स भी अपनी पारी लंबी नहीं खींच पाये। भाटिया की गेंद को वह स्विच हिट से पर्याप्त लंबाई नहीं दे सके और लांग आन पर अंजिक्य रहाणे ने उसे आसानी से कैच कर दिया। दर्शक हालांकि कार्लोस ब्रेथवेट (सात गेंद पर 20 रन) के आगमन से अधिक उत्साहित थे और इस कैरेबियाई आलराउंडर ने भी मुरूगन अश्विन पर दो और बोलैंड पर एक छक्का जड़कर उन्हें निराश नहीं किया। स्टेडियम में कार्लोस का नाम गूंजने लगा, लेकिन तभी बोलैंड के ओवर में परेरा ने सीमा रेखा पर दूसरे प्रयास में ब्रेथवेट का कैच कर दिया।

डुमिनी ने 28वीं गेंद पर अपना पहला चौका लगाया लेकिन इसके तुरंत बाद वह भी रन आउट हो गए जिससे डेयरडेविल्स की डेथ ओवरों में रन बटोरने की उम्मीदों को करारा झटका लगा। आखिर चार ओवर में 32 रन बने। पवन नेगी ने 12 गेंदों पर 19 रन बनाये जिससे डेयरडेविल्स 150 रन के पार पहुंच पाया।

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