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क्या कप्तानी की जिद में विराट कोहली नहीं बना रहे वनडे में रन?

टीम इंडिया में इस समय सबसे ज्यादा आलोचना कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की हो रही है लेकिन इन सबके बीच एक और खिलाड़ी ऐसा है जिसने बहुत निराश किया है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड्स...

क्या कप्तानी की जिद में विराट कोहली नहीं बना रहे वनडे में रन?
एजेंसीTue, 13 Oct 2015 05:29 PM
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टीम इंडिया में इस समय सबसे ज्यादा आलोचना कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की हो रही है लेकिन इन सबके बीच एक और खिलाड़ी ऐसा है जिसने बहुत निराश किया है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड्स तोड़ने के लिए उनके उत्तराधिकारी माने जा रहे सुपरस्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने इस साल अब तक अपने वनडे करियर का सबसे खराब प्रदर्शन किया है।

विदेशी खिलाड़ी और कई पूर्व भारतीय क्रिकेटर विराट को वनडे की भारतीय टीम का कप्तान बनाने की वकालत कर रहे हैं। लेकिन इस दिग्गज बल्लेबाज को 2015 में वनडे मैचों में प्रदर्शन को देखा जाए तो यह बात सामने आ जाएगी कि भारत की हार के लिए जितने धोनी जिम्मेदार हैं उतने ही जिम्मेदार विराट भी हैं।

शानदार है विराट का वनडे रिकॉर्ड
वर्ष 2008 में अपना वनडे करियर शुरू करने वाले विराट उसके बाद से लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते रहे और उनके खाते में अब 162 मैचों में 50.35 के औसत से 6597 रन हैं जिसमें 22 सेंचुरी और 33 हाफसेंचुरी शामिल हैं। विराट के इन शतकों में अधिकतर मैचों में भारत को जीत मिली थी। लेकिन इस साल आश्चर्यजनक रूप से वनडे मैचों में विराट का बल्ला रूठा रहा।

इस साल क्या हो विराट की वनडे बैटिंग को?
विराट 2015 में 16 मैचों में 29.92 के बेहद खराब औसत से केवल 389 रन बना पाए हैं जिसमें एक सेंचुरी शामिल है। यह सेंचुरी उन्होंने वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के पहले मुकाबले में एडिलेड में बनाया था। एडिलेड के उस 107 रन से पहले के चार मैचों और उसके बाद के 12 मैचों में विराट के बल्ले से एक हाफसेंचुरी तक नहीं निकली।

वनडे में बुरी तरह फेल हो रहे हैं विराट
वर्ल्ड कप से पहले ट्राई सीरीज के चार मैचों में विराट ने नौ, चार, नॉटआउट  तीन और आठ रन बनाए थे। एडिलेड के सेंचुरी के बाद उन्होंने वर्ल्ड कप में 46, नॉटआउट 33, 33, नॉटआउट 44, 38, तीन और एक रन बनाया। बंगलादेश दौरे में तीन वनडे मैचों में विराट ने एक, 23 और 25 रन बनाए। भारत को पहली बार बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में 1-2 से हार झेलनी पड़ी थी।

टी-20 में गंवाई रैंकिंग
कानपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में विराट ने सिर्फ 11 रन बनाए जबकि इसी टीम के खिलाफ दो टी-20 मैचों में विराट ने धर्मशाला में 43 और कटक में एक रन बनाया। इस प्रदर्शन के कारण वह टी-20 रैंकिंग में अपना नंबर एक स्थान गंवा बैठे।

टेस्ट में खूब चला है विराट का बल्ला
इसके विपरीत टेस्ट मैचों में देखा जाए जहां धोनी के संन्यास के बाद टेस्ट कप्तान बन चुके विराट ने अपनी कप्तानी में लंबे फॉर्मेट में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस साल उन्होंने पांच मैचों में 48.88 के औसत से 440 रन बनाए जिसमें दो सेंचुरी और एक हाफसेंचुरी शामिल है। ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल के आखिर में और इस साल की शुरुआत में चार टेस्ट मैचों की सीरीज में विराट ने 115, 141, 169 और 147 जैसे स्कोरों सहित लगभग 700 रन बनाए थे। इस सीरीज में वह तीन टेस्टों में कप्तान रहे थे। श्रीलंका में तीन टेस्टों में वह पूर्ण कप्तान के रूप में उतरे और इस दौरान उन्होंने 14, 103, तीन, 78, 10, 18 और 21 रन बनाए। यानि वनडे मैचों के मुकाबले विराट का टेस्ट मैचों में कहीं ज्यादा बेहतर प्रदर्शन रहा। दबे शब्दों में यह भी कहा जा रहा है कि विराट धोनी की कप्तानी में छोटे फॉरमैट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।

पिछले 4 सालों में विराट का बल्ला खूब बोला लेकिन अब...
यह वाकई हैरानी की बात है कि जिस बल्लेबाज ने 2010 में 25 वनडे मैचों में 995 रन, 2011 में 34 मैचों में 1381 रन, 2012 में 17 मैचों में 1026 रन , 2013 में 34 मैचों में 1268 रन और 2014 में 21 मैचों में 1054 रन बनाए हों तो वह अचानक 2015 में इतना खराब कैसे खेल सकता है कि 16 मैचों में 389 रन ही बना पाए।

कप्तान के साथ उप कप्तान भी हार का दोषी
पिछले कुछ वर्षों में भारत की वनडे जीतों में विराट के बल्ले के करिश्मे का भरपूर योगदान रहा है और अब अगर टीम के प्रदर्शन से धोनी आलोचना झेल रहे हैं तो टीम के उपकप्तान के रूप में विराट की भी उतनी ही जिम्मेदारी बनती हैं कि वह अपने कप्तान को बल्ले से सहयोग नहीं दे पा रहे हैं।

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