फोटो गैलरी

Hindi NewsIPL फिक्सिंग पर फैसला: मयप्पन-कुंद्रा पर आजीवन, CSK-RR पर दो साल का बैन

IPL फिक्सिंग पर फैसला: मयप्पन-कुंद्रा पर आजीवन, CSK-RR पर दो साल का बैन

आईपीएल में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमों में से एक चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को अपने प्रमुख अधिकारियों गुरूनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के 2013 सत्र के दौरान सट्टेबाजी गतिविधियों में...

IPL फिक्सिंग पर फैसला: मयप्पन-कुंद्रा पर आजीवन, CSK-RR पर दो साल का बैन
एजेंसीTue, 14 Jul 2015 06:00 PM
ऐप पर पढ़ें

आईपीएल में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमों में से एक चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को अपने प्रमुख अधिकारियों गुरूनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के 2013 सत्र के दौरान सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण आज इस क्रिकेट लीग से दो साल के निलंबित कर दिया गया।

यह सजा सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने सुनाया जिसके प्रमुख पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा थे। समिति के अनुसार दो प्रमुख अधिकारियों मयप्पन, जिन्हें सीएसके मालिकों का चेहरा माना गया, और राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक कुंद्रा ने क्रिकेट के खेल, बीसीसीआई और आईपीएल को बदनाम किया।

समिति ने मयप्पन और कुंद्रा को बीसीसीआई द्वारा आयोजित किसी भी तरह के क्रिकेट मैचों में भागीदारी लेने पर आजीवन निलंबित कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में इस समिति का गठन किया था ताकि यह तय किया जा सके कि मयप्पन, कुंद्रा और दो फ्रेंचाइजी, सीएसके की मालिक कंपनी इंडिया सीमेंट लिमिटेड और राजस्थान रॉयल्स की मालिक जयपुर आईपीएल को कितनी सजा दी जाए।

फैसला सुनाने के बाद जब तीन सदस्यीय समिति मीडिया को संबोधित कर रही थी तब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने आईपीएल सीओओ सुंदर रमन के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया था जिन पर गलत काम करने का आरोप लगा था।

न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि उनके भाग्य का फैसला करने में अभी कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा, जहां तक सुंदर रमन की बात है तो हमने उनसे संबंधित सामग्री की जांच की और हमारा मानना है कि इसमें आगे जांच करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर गौर करने के लिये विवेक प्रियदर्शी को नियुक्त किया है और वह इसकी जांच कर रहे हैं। हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही हम फैसला करेंगे कि क्या कार्रवाई करनी है।

समिति ने बीसीसीआई में हितों के टकराव के बहुचर्चित मसले पर कहा कि इस पर फैसला खेल से जुड़े विभिन्न हितधारकों से बात करने के बाद दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हितों के टकराव का मसला उठा था। एक बार सभी हितधारकों से बातचीत की प्रक्रिया पूरी करने के बाद हम इस पर अपने विचार रखेंगे। यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। यह आदेश दो व्यक्तियों और फ्रेंचाइजी की सजा की मात्रा तय करने तक सीमित है।

न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा, हमने 40-45 लोगों से बात की। हमें अभी कुछ अन्य से मिलना है। एक बार जब इसे पूरा कर लेंगे तब हम फैसला करेंगे कि क्या दिशानिर्देश दिए जाने चाहिए। हमारा विचार सभी हितधारकों से इनपुट लेना है। यह केवल क्रिकेट प्रशासकों और राजनीतिज्ञों तक ही सीमित नहीं है।

न्यायमूर्ति लोढ़ा ने निलंबित अधिकारियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों पर टिप्पणी करने से भी इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा, आपराधिक दायित्व से जुड़े पहलू पर हमने फैसला नहीं किया।

न्यायमूर्ति लोढ़ा से पूछा गया कि यदि इन दोनों फ्रेंचाइजी के मालिक बदल जाते हैं तो क्या उन्हें ऐसे में आईपीएल में खेलने की अनुमति दी जाएगी, उन्होंने कहा कि इस पर बीसीसीआई को फैसला करना है।

उन्होंने कहा, हमारे सामने सवाल उठाया गया लेकिन बीसीसीआई को यह फैसला करना है और क्या इसके लिए कोई कानूनी प्रावधान है। आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि हम मामले से जुड़े प्रत्येक पहलू पर गौर नहीं कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति लोढ़ा से पूछा गया कि क्या समिति ने इस पहलू पर विचार किया कि इस फैसले से दोनों निलंबित फ्रेंचाइजी टीमों से जुड़े खिलाड़ियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा कि खेल व्यक्तियों से बड़ा होता है।

उन्होंने कहा, खिलाड़ी उस फ्रेंचाइजी से नहीं जुड़ेंगे जिसे निलंबित किया गया है। हमारा मानना था कि यदि क्रिकेट व्यक्तियों से बड़ा है तो फिर खिलाड़ियों और फ्रेचाइजी को वित्तीय नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है।

आईपीएल पर प्रतिक्रियाएं

यह क्रिकेट के लिए झटका है लेकिन महेंद्र सिंह धोनी के बिना आईपीएल या भारतीय क्रिकेट की कल्पना करना बेहद मुश्किल भरा है। वह 34 साल के हैं और उनके लिए क्रिकेट के अभी कुछ साल बाकी हैं।
- सुनील गावस्कर, पूर्व क्रिकेटर

अब जबकि दो टीमें निलंबित कर दी गई हैं, या तो दो टीमें और शामिल की जा सकती हैं या दोबारा नीलामी कराई जा सकती है ताकि प्रभावित हुए खिलाडि़यों को जगह मिल सके।
-निरंजन शाह, बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी

बीसीसीआई को आईसीसी से श्रीनिवासन की सदस्यता वापस लेनी चाहिए। अगर बीसीसीआई ने ऐसा नहीं किया तो मैं कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा। जिन लोगों ने भी क्रिकेट को बदनाम किया है, उन्हें बीसीसीआई से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।
-आदित्य वर्मा, गैर मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव

बीसीसीआई में जो कुछ हुआ, किसी ने भी गलत कामों के खिलाफ आवाज नहीं उठायी। सभी नियम मौजूद हैं लेकिन उन्हें कुछ व्यक्तियों के माफिक बना दिया गया। मेरा मानना है कि आईपीएल को बनाए रखना चाहिए लेकिन बीसीसीआई को खुद को आईपीएल से दूर रखना चाहिए।
-ए सी मुथैया, बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष 

दो टीमों को इतने लंबे समय के लिए निलंबित करने के फैसले से मैं पूरी तरह से सहमत नहीं हूं। टीम स्वयं मैच फिक्सिंग की गतिविधियों में शामिल नहीं थी। इसलिए जब तक आप टीम को सामूहिक तौर पर दोषी नहीं पाते हो, तो फिर क्या टीम को इस तरह की सजा मिलनी चाहिए थी।
-सी आर्यम सुंदरम, बीसीसीआई के वकील

ट्विटर पर कटाक्ष
आईपीएल में कारपोरेट गवर्नेंस के लिए सीईओ को रखा गया था लेकिन फिर भी इसमें घोटाला हुआ। क्योंकि क्रोनी कैपटिलज्म पैसा और ग्लैमर साथ लाता है।
संजय झा, कांग्रेस नेता

 श्रीनिवासन भी मयप्पन और सीएसके को बचाने के लिए कसूरवार हैं। बीसीसीआई को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। श्रीनिवासन को आईसीसी का अध्यक्ष बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है ।
-इंदरजीत सिंह बिंद्रा, बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष

शायद चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को और कड़ा दंड मिलना चाहिए था। लेकिन इस कारण लगा दाग आजीवन प्रतिबंध से भी बड़ा है। बीसीसीआई में अभी भी बहुत गंदगी है।
-बिशन सिंह बेदी, पूर्व क्रिकेटर

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें