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हरप्रीत सिंह को रजत पदक और मानव को कांस्य पदक

भारतीय निशानेबाजों ने 20वें राष्ट्रमंडल खेलों के छठे दिन भी आज यहां पदक बटोरो अभियान जारी रखा तथा हरप्रीत सिंह ने रजत और मानवजीत सिंह संधू ने कांस्य पदक अपनी झोली में डाला। भारतीय पहलवानों ने भी अपनी...

हरप्रीत सिंह को रजत पदक और मानव को कांस्य पदक
एजेंसीTue, 29 Jul 2014 10:28 PM
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भारतीय निशानेबाजों ने 20वें राष्ट्रमंडल खेलों के छठे दिन भी आज यहां पदक बटोरो अभियान जारी रखा तथा हरप्रीत सिंह ने रजत और मानवजीत सिंह संधू ने कांस्य पदक अपनी झोली में डाला। भारतीय पहलवानों ने भी अपनी चमक बिखेरी और उन्होंने कम से कम चार रजत पदक पक्के कर लिये हैं।

हरप्रीत और मानवजीत जहां पदक जीतने में सफल रहे वहीं ओलंपिक रजत पदक विजेता विजय कुमार को निराशा हाथ लगी और वह पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में बाहर हो गये। हरप्रीत ने दो दौर के शूट आफ और एक अंक के जुर्माने के बावजूद 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक जीता। हरियाणा के 33 वर्षीय हरप्रीत क्वालीफिकेशन दौर में शीर्ष पर रहे। उन्होंने फाइनल में 21 सही शाट लगाये। फाइनल आठ राउंड का था, जिसमें से प्रत्येक में पांच शाट लगाने थे।

दो और पदक जुड़ने से भारत के कुल पदकों की संख्या 28 हो गयी जिसमें सात स्वर्ण, 13 रजत और आठ कांस्य पदक शामिल हैं लेकिन वह पदक तालिका में सातवें स्थान पर खिसक गया है। ऑस्ट्रेलिया ने 31 स्वर्ण, 25 रजत और 33 कांस्य पदक जीतकर अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।

मानवजीत पुरुषों की ट्रैप स्पर्धा के सेमीफाइनल में 15 से 13 सही निशाने लगाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसके बाद उन्होंने कांस्य पदक के मैच में ऑस्ट्रेलिया के माइकल डायमंड को हराया। इस स्पर्धा में भाग ले रहे एक अन्य भारतीय मनशेर सिंह सेमीफाइनल में छठे और आखिरी स्थान पर रहे। उन्होंने 15 में से 11 सही निशाने लगाये।

भारतीय दल को तब निराशा हाथ लगी जब ओलंपिक रजत पदक विजेता निशानेबाज विजय कुमार क्वालीफिकेशन में सातवें स्थान पर रहकर बाहर हो गये। विजय ने क्वालीफिकेशन के दोर दौर में 555 अंक बनाये। शीर्ष छह निशानेबाज ही फाइनल में पहुंचे।

कुश्ती में हालांकि भारत के लिये अच्छी खबर है। ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले सुशील कुमार, राजीव तोमर और अमित कुमार ने अपने अपने भार वर्गों के फाइनल में पहुंचकर कम से कम रजत पदक पक्के कर दिये। महिला वर्ग में विनेश ने भी 48 किग्रा फ्रीस्टाइल के फाइनल में जगह बनाकर एक और पदक पक्का किया।

सुशील (74 किग्रा) और अमित (57 किग्रा) ने केवल डेढ घंटे के अंतराल में तीन तीन पहलवानों को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। जबकि तोमर ने 125 किलो वजन वर्ग में दो आसान से मुकाबले जीत कर फाइनल में जगह बनाई।

सुशील कुमार ने पहला मुकाबला जीतने के बाद अपने इरादे जाहिर कर दिये जब उन्होंने विरोधी पहलवान पर ग्रेट सुपरिआरिटी अर्थात दस अंक का बड़ा अंतर होने के आधार पर जीत दर्ज की जबकि सेमीफाइनल में उन्होंने नाईजीरिया के मेलविन बिवो को हराकर फाइनल में प्रवेश किया जहां उनका मुकाबला पाकिस्तान के कमर अब्बास से होना है।

बीजिंग ओलम्पिक के कांस्य पदक और लंदन ओलम्पिक के रजत पदक विजेता सुशील ने अपने पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के जेडन लारेंस को 11-0 से और फिर श्रीलंका के कुशान सांद्राज को 10-0 अंक से पराजित किया।

तोमर ने नाईजीरिया के सिनीवी बोल्टिक को आसानी से हराकर अच्छी शुरुआत की। उन्होंने फिर सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के मार्कुस कार्नी को 13-1 से हराया। फाइनल में उसका मुकाबला कनाडा के कोरे जार्विस से होगा। अमित ने सेमीफाइनल मुकाबला ग्रेट सुपरिआरिटी पर जीता जबकि सेमीफाइनल में उन्होंने पाकिस्तान के अजहर हुसैन को हराया।

खराब लाइटिंग के कारण स्वर्ण नहीं जीत सका: हरप्रीत
   
निशानेबाज हरप्रीत सिंह ने आज बैरी बुडोन सेंटर में खराब लाइटिंग व्यवस्था को दोष देते हुए कहा कि इसी की वजह से वह स्वर्ण नहीं जीत सके, क्योंकि विलंब से लगाये गए शाट के कारण पेनल्टी उन्हें इसी खामी की वजह से मिली थी। हरप्रीत को 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत से ही संतोष करना पड़ा। हरप्रीत ने कहा कि लाइटिंग व्यवस्था में खामी थी और इसी की वजह से पहला शाट देर से लगा और चूंकि मेरा पांचवां शाट भी देर से था, तो मुझे पेनल्टी प्वाइंट कटवाना पड़ा। यदि ऐसा नहीं होता तो मैं स्वर्ण जीत सकता था। उसने कहा, मैने शिकायत की लेकिन जजों ने इसे ठीक कहा, लिहाजा मैं कुछ नहीं कर सकता।
    
निशानेबाजों को लालबत्ती के बाद चार सेकंड मिलते हैं और रंग हरा होने पर निशाना लगाना होता है। छह निशानेबाजों के फाइनल में पांच पांच शाट के आठ राउंड थे। यह पूछने पर कि क्या वह रजत से संतुष्ट हैं, उन्होंने कहा, सिर्फ स्वर्ण मायने रखता है, लेकिन पदक तो पदक है। मैं रजत से भी खुश हूं।

 

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