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आरबीआई ने रेपो रेट में की कटौती, होम लोन होगा सस्ता

बजट पेश होने के कुछ ही दिन के भीतर भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मुख्य ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.5 प्रतिशत कर बाजार को चौंका दिया। ऐसा मुख्य तौर पर मुद्रास्फीति में नरमी और सरकार की राजकोषीय पुनर्गठन...

आरबीआई ने रेपो रेट में की कटौती, होम लोन होगा सस्ता
एजेंसीWed, 04 Mar 2015 01:19 PM
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बजट पेश होने के कुछ ही दिन के भीतर भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मुख्य ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.5 प्रतिशत कर बाजार को चौंका दिया। ऐसा मुख्य तौर पर मुद्रास्फीति में नरमी और सरकार की राजकोषीय पुनर्गठन कार्यक्रम को जारी रखने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर किया गया।

आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने सुबह जारी प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की कि अल्पकालिक ऋण दर (रेपो) तुरंत प्रभाव से 7.75 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया जाएगा और अन्य दरों को इसी आधार पर समयोजित किया जाएगा।

दरों में कटौती की घोषणा के तुरंत बाद बंबई शेयर बाजार का सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 30,000 की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गया। पिछले दो महीने में यह दूसरा मौका है जबकि आरबीआई ने नियमित नीतिगत समीक्षा के अलावा ब्याज दरों में कटौती की है। केंद्रीय बैंक ने इससे पहले 15 जनवरी को रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.75 प्रतिशत कर दिया था।

राजन ने कहा 2015-16 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति का आंकड़ा नरम रहने की उम्मीद है जिसके बाद दूसरी छमाही में यह बढ़कर छह प्रतिशत से कम के स्तर पर पहुंच जाएगी।

राजन ने कहा राजकोषीय पुनर्गठन कार्यक्रम, हालांकि देरी से आया है, लेकिन यह गुणवत्ता के जरिए भरपाई कर सकता है, विशेष तौर पर तब जबकि राज्य सरकारें सहयोग करें। राजन ने कहा क्षमता में कम उपयोग और उत्पाद एवं ऋण उठान के अभी भी कमजोर संकेतकों के मद्देनजर आरबीआई के लिए अपनी नीतिगत पहल करना उचित है, ताकि मौद्रिक समायोजन के लिए उपलब्ध गुंजाइश का उपयोग किया जा सके।

आरबीआई ने कहा कि वृद्धि में तेजी का संकेत हैं और जनवरी में दर्ज 5.1 प्रतिशत खुदरा मुद्रास्फीति लक्ष्य से बहुत कम है। आरबीआई की पहल पर वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा दरों में कटौती से अल्पकालिक स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा। आने वाले दिनों में दर चक्र आंकड़ों पर आधारित होगा। सिन्हा ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में वहत आर्थिक आंकड़ा दरों में कटौती की और गुंजाइश पेश करेगा। उन्होंने कहा हमें कर्ज की मासिक किस्तें कम होती दिखेंगी।

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा कि सरकार और आरबीआई का आर्थिक संभावना का आकलन एक जैसा है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में वृद्धि बढ़ेगी, मुद्रास्फीति में गिरावट का रुझान है और सरकार का राजकोषीय पुनर्गठन लक्ष्य के मुताबिक चल रहा है।

राजन ने बयान में कहा कि अगली मौद्रिक पहल आगामी आंकड़ों विशेष तौर पर आपूर्ति पक्ष की दिक्कतें दूर करने, बिजली, भूमि, खनिज तथा बुनियादी ढांचा जैसी प्रमुख आवश्यकताओं की बेहतर उपलब्धता और उच्च कोटि के राजकोषीय पुनर्गठन की निरंतर प्रगति पर निर्भर करेगी। इसके अलावा अगली नीतिगत पहल पर फैसले में मुख्य दर में पिछली कटौती का लाभ ब्याज दर में दिए जाने, मानसून और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों की भी भूमिका होगी।

भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुधंती भट्टाचार्य ने कहा हम आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हैं। सरकार के उच्च कोटि के राजकोषीय पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करने और मुद्रास्फीति को औपचारिक रूप से आधार बनाए जाने से मुद्रास्फीति कम रहने की उम्मीद और इससे बैंकों को फैसला करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा हमारा बैंक सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आधार दर में कटौती पर उचित पहल करेगा। आरबीआई अगली द्विमासिक नीतिगत समीक्षा सात अप्रैल को करेगा।

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