जीएसटी से टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के देश में लागू होने के बाद भारतीय बाजारों में एकरूपता आ जाएगी। फिलहाल देश में किसी वस्तु का उत्पादन होता तो उसपर दो तरह के टैक्स लगते हैं। एक एक्साइज और दूसरा सेल्स...
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के देश में लागू होने के बाद भारतीय बाजारों में एकरूपता आ जाएगी। फिलहाल देश में किसी वस्तु का उत्पादन होता तो उसपर दो तरह के टैक्स लगते हैं। एक एक्साइज और दूसरा सेल्स टैक्स। सेल्स टैक्स के बदले सरकार ने मूल्य वर्धित टैक्स (वैट) लगा रखा है।
केंद्र के टैक्स में सेंट्रल एक्साइज डय़ूटी, सर्विस टैक्स और अतिरिक्त कस्टम डय़ूटी शामिल हैं, जबकि राज्यों के कर में वैट, मनोरंजन कर, विलासिता कर, लॉटरी कर और विद्युत शुल्क। जीएसटी लागू होने पर केंद्रीय बिक्री कर को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। प्रवेश शुल्क या ऑक्टोरॉय को शुरुआत में लिए गए कर में ही शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि जीएसटी के बाद भी कुछ सालों तक राज्यों को पेट्रोलियम उत्पादों पर करों की वसूली को बरकरार रखा जाएगा।
जानकारों का मानना है कि जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में दो फीसदी तक का उछाल आ सकता है। साथ ही एक ही दर पर पूरे देश में टैक्स वसूले जाने से टैक्स चोरी भी रुकेगी।