एचटी समिट: सार्वजनिक-निजी भागीदारी ब्रांड इंडिया बने
देश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडिग बेहद जरूरी है। सरकार को पीपीपी मॉडल को ‘ब्रांड इंडिया’ के तौर पर पेश करना होगा। साथ ही इस मॉडल में पेश आने वाली कई...
देश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडिग बेहद जरूरी है। सरकार को पीपीपी मॉडल को ‘ब्रांड इंडिया’ के तौर पर पेश करना होगा। साथ ही इस मॉडल में पेश आने वाली कई दिक्कतों को भी दूर करना जरूरी है।
हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में यस बैंक के संस्थापक और प्रबंध निदेशक राणा कपूर ने शुक्रवार को कहा कि पीपीपी मॉडल में भूमि अधिग्रहण एक बड़ी अड़चन है। इस क्षेत्र में स्वतंत्र नियामक का भी अभाव है। यही वजह है कि 2007 से 2012 के बीच 225 अरब डॉलर के पीपीपी प्रोजेक्ट में से 75 फीसदी कठिनाइयों का सामने कर रहे हैं।
पर्यटन क्षेत्र में पीपीपी की संभावनाओं का जिक्र करते हुए ब्रांड यूएसए के सीईओ क्रिस्टोफर थॉमसन ने कहा कि इस क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है। अमेरिका ने ब्रांडिंग की और इसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए। उन्होंने कहा कि पीपीपी ने बुनियादी ढांचा विकसित करने में, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है।
कपूर ने कहा कि भारत में 33 यूनेस्को साइट हैं। लेकिन हम उनकी ब्रांडिग करने में नाकाम रहे हैं। जब कि पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की आपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पीपीपी को सफल बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस क्षेत्र पर ध्यान देगी।
समिट में ‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी : क्यों विफल हुई और कैसे सुधरेगी’ विषय पर हुए सत्र में हिस्सा लेते हुए कपूर ने कहा कि यदि सरकार जीएसटी लागू करती है, तो इससे काफी बदलाव आ सकते हैं। जीएसटी से उत्पादकता बढ़ेगी और लोगों को भी फायदा होगा। सार्वजनिक-निजी भागीदारी को सुधारने की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कपूर ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए हम भारत का निर्माण कर सकते हैं। यह तभी संभव है, जब पीपीपी को बढमवा दिया जाए और मॉडल की राह में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जाए। इसलिए, पीपीपी मॉडल को ब्रांड इंडिया के तौर पर पेश करना जरूरी है।
सत्र में सवाल-जवाब के दौरान यह पूछे जाने पर कि अमेरिका में भी कई राज्य हैं, क्या अमेरिकी सरकार को ब्रांड अमेरिका बनाने में कठिनाई नहीं हुई, ब्रांड यूएसए के सीईओ क्रिस्टोफर थॉमसन ने कहा कि कांग्रेस और निजी कंपनियों को मालूम है कि पर्यटन से आर्थिक फायदा मिल सकता है। इसलिए सभी ने एकजुट होकर काम किया और ब्रांड यूएसए की ब्रांडिग करने में काफी हद तक सफल रहे।