एनटीपीसी में 9.5 फीसदी विनिवेश से 12,000 करोड़ रुपए मिलेंगे
सरकार 15 जनवरी को देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी एनटीपीसी में अपनी 9.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। इससे सरकार को 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्राप्त हो सकती है। अगर एनटीपीसी में हिस्सेदारी...
सरकार 15 जनवरी को देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी एनटीपीसी में अपनी 9.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। इससे सरकार को 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्राप्त हो सकती है।
अगर एनटीपीसी में हिस्सेदारी बिक्री सफल रहती है तो सरकार चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 30,000 करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य का आधे से अधिक हासिल करने की स्थिति में होगी। सरकार पहले ही 800 करोड़ रुपए जुटा चुकी है और वह एनएमडीसी में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी कल बेचने जा रही है जिससे उसे करीब 5,900 करोड़ रुपए मिलने की संभावना है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा सरकार के विनिवेश एजेंडे में एनटीपीसी दूसरे नंबर पर है। कंपनी की पेशकश 15 जनवरी 2013 के आसपास आ सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने बिक्री पेशकश (नीलामी) के जरिए 9.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है।
बंबई शेयर बाजार में एनटीपीसी का शेयर आज 1.66 फीसद की गिरावट के साथ 154.30 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुआ। मौजूदा बाजार मूल्य पर सरकार हिस्सेदारी बिक्री से 12,085 करोड़ रुपए जुटाने की स्थिति में होगी। सरकार की इस महारत्न कंपनी में 84.5 फीसदी हिस्सेदारी है।
विनिवेश के बाद सरकार की हिस्सेदारी घटकर 75 फीसदी रह जाएगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने एनटीपीसी में 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है जिसके तहत प्रत्येक 10 रुपए अंकित मूल्य के 78.32 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे।
एनटीपीसी 2004 में सूचीबद्ध हुई। इसके बाद 2009 में सरकार ने दूसरी पेशकश (एफपीओ) के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेची। कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 9,223.73 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ जबकि 2010-11 में कंपनी ने 9,102.59 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।