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कैग ने दूरसंचार विभाग से सर्किल विलय पर जून तक मांगा जवाब

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने दूरसंचार विभाग (डॉट) से अपनी मसौदा रिपोर्ट का जवाब जून तक देने को कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चेन्नई और तमिलनाडु सेवा क्षेत्रों का कथित तौर पर जल्दबाजी में...

कैग ने दूरसंचार विभाग से सर्किल विलय पर जून तक मांगा जवाब
एजेंसीSat, 24 May 2014 06:29 PM
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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने दूरसंचार विभाग (डॉट) से अपनी मसौदा रिपोर्ट का जवाब जून तक देने को कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चेन्नई और तमिलनाडु सेवा क्षेत्रों का कथित तौर पर जल्दबाजी में विलय किया गया जिससे एयरटेल तथा एयरसेल को 2,400 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ हुआ।

कैग ने चेन्नई महानगर तथा तमिलनाडु दूरसंचार सर्किल का जल्दबाजी में विलय पर जारी मसौदा रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि विलय से दूरसंचार कंपनियों को अनुचित लाभ हुआ जबकि तीन बड़े राज्यों में करोड़ों ग्राहकों को इसी प्रकार की सुविधा से वंचित किया गया।

सरकारी लेखापरीक्षक ने 9 मई को कहा कि अगर दूरसंचार विभाग को इस बारे में कुछ कहना है तो उसे 6 सप्ताह के भीतर इस बारे में सूचना देनी चाहिए। वर्ष 2004 में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने दूरसंचार विभाग से चेन्नई सेवा क्षेत्र का तमिलनाडु के साथ, मुंबई का महाराष्ट्र के साथ एवं कोलकाता का पश्चिम बंगाल के साथ विलय करने को कहा था ताकि ग्राहकों को राज्य के भीतर रोमिंग शुल्क नहीं देना पड़े। बाद में उत्तर प्रदेश पश्चिम तथा पूर्व के विलय की योजना पर भी विचार किया गया।

वर्ष 2005 में केवल चेन्नई सर्किल का तमिलनाडु के साथ विलय हुआ।
 कैग ने कहा कि इस योजना को अन्य राज्यों में लागू नहीं करने का रिकॉर्ड में  कोई कारण नहीं है और इस वजह से तमिलनाडु के ग्राहकों को जो फायदा हुआ, दूसरे राज्यों के उपभोक्ता उससे वंचित रह गये।

दूरसंचार विभाग ने उस समय चेन्नई और तमिलनाडु में काम कर रही एयरटेल तथा एयरेसल को लाइसेंस विलय की अनुमति दे दी जबकि इसके लिये कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया गया। इनकी लाइसेंस अवधि भी बढ़ा दी गई। कैग रिपोर्ट के अनुसार 900 मेगाहट्र्ज (चेन्नई मेट्रो का 12.4 मेगाहट्र्ज) में स्पेक्ट्रम की नीलामी फरवरी 2014 में नहीं करने से करीब 2,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस बारे में संपर्क किये जाने पर एयरटेल ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। एयरसेल से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है।

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