बजट प्रस्तावों से कर नीतियों में स्पष्टता आई: सरकार
सरकार ने शनिवार को कहा कि बजट 2014.15 से कर नीतियों में स्पष्टता आई है और वह राजकोषीय बाधाओं के बीच अर्थव्यवस्था को पुन: तेजी की पटरी पर लाने के लिए मुश्किल रास्तों पर चलेगी। राजस्व सचिव शक्तिकांत...
सरकार ने शनिवार को कहा कि बजट 2014.15 से कर नीतियों में स्पष्टता आई है और वह राजकोषीय बाधाओं के बीच अर्थव्यवस्था को पुन: तेजी की पटरी पर लाने के लिए मुश्किल रास्तों पर चलेगी।
राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर दोनों ही मोर्चे पर सरकार का मुख्य ध्यान आर्थिक वृद्धि में तेजी बहाल करने और विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि बहाल करने पर था। साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन करने, करों को तर्कसंगत बनाने, कर संबंधी मुकदमों में कमी लाने और नीतियों में अस्पष्टता दूर करने पर ध्यान था।
उद्योग मंडल फिक्की के साथ बजट उपरांत परिचर्चा में दास ने कहा कि बजट प्रस्तावों से कर नीतियों में अधिक स्पष्टता आई है। दस जुलाई को संसद में पेश अपने पहले बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कर छूट सीमा 50,000 रुपये बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर मध्यम वर्ग को राहत उपलब्ध कराने की कोशिश की।
जेटली ने 80सी के तहत वित्तीय प्रतिभूतियों में निवेश की भी सीमा 50,000 रुपये बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की।