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2जी केस में राजा, कनिमोझी के खिलाफ आरोप तय

विशेष अदालत ने 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले से जुड़े एक मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, सांसद कनिमोई, द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल के खिलाफ सुनवाई के आदेश दिए और कहा कि सभी...

2जी केस में राजा, कनिमोझी के खिलाफ आरोप तय
एजेंसीFri, 31 Oct 2014 02:33 PM
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विशेष अदालत ने 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले से जुड़े एक मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, सांसद कनिमोई, द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल के खिलाफ सुनवाई के आदेश दिए और कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन के आरोप लगाए गए हैं।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने 19 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र) और धनशोधन निरोधक कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप तय किए। आरोपियों में 10 व्यक्ति और नौ कंपनियां शामिल हैं। इन सभी को प्रवर्तन निदेशालय ने मामले के सिलसिले में आरोपित किया था। न्यायाधीश ने कहा प्रत्येक आरोपी के खिलाफ डीबी ग्रुप कंपनी से कलैगनर टीवी प्रा लि को 200 करोड़ रूपये का धन शोधन करने के लिए प्रथम दृष्टया सभी आरोप लगाए गए हैं।

अदालत ने जैसे ही अपनी व्यवस्था दी, न्यायाधीश ने सभी आरोपियों से जानना चाहा कि क्या वह अपराध को लेकर अपना दोष स्वीकार करते हैं या सुनवाई चाहते हैं। इस पर, सभी आरोपियों ने कहा कि वे अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों के लिए सुनवाई चाहते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि आरोपी 200 करोड़ रूपये के लेनदेन में शामिल थे जो असली और वास्तविक नहीं था और यह राशि राजा द्वारा डीबी ग्रुप कंपनीज को दूरसंचार का लाइसेंस देने के लिए रिश्वत थी।    

एजेंसी ने दावा किया कि डीबी ग्रुप कंपनीज से द्रमुक द्वारा संचालित कलैगनार टीवी को कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड तथा सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 200 करोड़ रुपये का हस्तांतरण करने के संबंध में किए गए लेनदेन की श्रृंखला वास्तविक कारोबारी लेनदेन नहीं थी। राजा, कनिमोई और दयालु अम्माल के अलावा मामले के अन्य आरोपी शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूटस एंड वेजिटेबल्स प्रा लि के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, शरद कुमार, बॉलीवुड के निर्माता करीम मोरानी तथा पी अमतम हैं।

आरोपों के जवाब में राजा और कनिमोई ने तर्क दिया कि प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के साथ दाखिल दस्तावेजों से कहीं भी यह जाहिर नहीं होता कि वह लोग डीबी ग्रुप से कलैगनार टीवी को किए गए 200 करोड़ रूपये के लेनदेन से जुड़े थे। इसी तरह, स्वान टेलिकॉम प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका सहित अन्य सह आरोपियों ने तर्क दिया कि कथित अपराध और उसकी कार्रवाई से उनके जुड़े होने के बारे में कोई सबूत नहीं है।

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, कनिमोई और कलैगनार टीवी के प्रबंध निदेशक एवं सह आरोपी शरद कुमार की इस टीवी चैनल में 20-20 फीसदी की हिस्सेदारी थी, जबकि शेष 60 फीसदी हिस्सेदारी दयालु अम्माल के पास थी। मामले के सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर रिहा हैं। आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि इस मामले में उसकी जांच 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच से शुरू हुई और आरोपियों ने धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कथित तौर पर साजिश रची और अपराध को अंजाम दिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में आरोपियों के तौर पर स्वान टेलिकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के तौर पर जानी जाने वाली), सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड), कलैगनार टीवी प्राइवेट लिमिटेड, डायनेमिक्स रीयल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रीयल्टी लिमिटेड और निहार कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी शामिल किया है।

प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि उसकी जांच से पता चला है कि शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका ने कुसेगांव फूट्रस एंड वेजिटेबल्स प्रा लि तथा सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 200 करोड़ रुपये का भुगतान वित्तीय लेनदेन को जायज दिखाने के लिए किया। आरोप पत्र में दावा किया गया है कि यूएएस लाइसेंस देने के लिए स्वान टेलिकॉम को लाभान्वित करने के एवज में 200 करोड़ रुपये की जिस राशि का भुगतान किया गया था, उस राशि का, अतिरिक्त धन के साथ यह दिखाने के लिए पुन:भुगतान किया गया कि यह जायज लेनदेन था।

 

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