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थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 6.84 फीसदी हुई

थोक मुद्रास्फीति लगातार चार महीने की गिरावट के बाद फरवरी में थोड़ा चढ़कर 6.84 फीसदी हो गई। चावल, गेहूं, प्याज और फलों के महंगा होने से मुद्रास्फीति ने सिर उठाया...

थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 6.84 फीसदी हुई
Thu, 14 Mar 2013 03:11 PM
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थोक मुद्रास्फीति लगातार चार महीने की गिरावट के बाद फरवरी में थोड़ा चढ़कर 6.84 फीसदी हो गई। चावल, गेहूं, प्याज और फलों के महंगा होने से मुद्रास्फीति ने सिर उठाया है।

थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति इस वर्ष जनवरी 6.62 फीसदी और पिछले साल फरवरी में में यह 7.56 फीसदी थी। मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत ब्याज दरों में कमी का फैसला करने में मुश्किल हो सकती है।

रिजर्व बैंक ने मार्च-2013 के अंत तक मुद्रास्फीति 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। अगले सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा के पहले आरबीआई के गवर्नर डी सुब्बाराव ने कल कहा था कि यदि मुद्रास्फीति छह फीसदी से ऊपर हो तो मौद्रिक नीति सख्त रखने की जरूरत है।

सरकार द्वारा आज जारी थोक मूल्य सूचकांकों के मुताबिक विनिर्मित वस्तुओं संबंधी मुद्रास्फीति इस बार फरवरी में थोड़ा नरम हो कर 4.51 फीसदी रही। थोक मूल्य सूचकांक में 14.34 फीसदी भार रखने वाले खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति इस बार घटकर 11.38 फीसदी रही। जनवरी-13 में में खाद्य मुद्रास्फीति 11.88 फीसदी थी।

फरवरी में प्याज सालाना आधार पर 154.33 फीसदी मंहगा रहा, जबकि जनवरी में यह एक साल पहले की तुलना में 111.52 फीसदी मंहगा था। सालाना आधार पर चावल इस बार फरवरी में 18.84 फीसदी मंहगा रहा, जबकि पिछले महीने यह 17.31 फीसदी मंहगा था। इस दौरान सब्जियों की मुद्रास्फीति 12.11 रही जो जनवरी में 28.45 फीसदी थी।

गेहूं और मोटे अनाजों के मामले में इस बार फरवरी में मुद्रास्फीति क्रमश: 21.63 फीसदी और 19.19 फीसद रही। अंडा, मांस एवं मछली खंड की मंहगाई दर सालाना आधार पर 12.85 फीसदी रही, जबकि दूध की कीमत 4.57 फीसदी बढ़ी। फल भी 8.93 फीसदी मंहगे हुए। ईंधन और ऊर्जा खंड में फरवरी के दौरान मुद्रास्फीति 10.47 फीसदी रही, जबकि जनवरी 2013 में यह 7.06 फीसदी थी।

 

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