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जेटली ने दी करदाताओं और ऋण म्यूचुअल फंड उद्योग को राहत

सरकार ने देश में औद्योगिक गतिविधियों व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कर की दरों को हल्का रखने की प्रतिबद्धता जताते हुये ऋण पत्रों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड उद्योग और आय कर दाताओं के लिए कुछ...

जेटली ने दी करदाताओं और ऋण म्यूचुअल फंड उद्योग को राहत
एजेंसीFri, 25 Jul 2014 06:09 PM
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सरकार ने देश में औद्योगिक गतिविधियों व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कर की दरों को हल्का रखने की प्रतिबद्धता जताते हुये ऋण पत्रों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड उद्योग और आय कर दाताओं के लिए कुछ राहत की शुक्रवार को घोषणाएं कीं।

लोकसभा में शुक्रवार को वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऋण म्यूचुअल फंड पर प्रस्तावित 20 प्रतिशत की ऊंची कर की दर अब एक अप्रैल 2014 से नहीं बल्कि बजट पेश होने के दिन 10 जुलाई से लागू होगी। उन्होंने देरी से आय कर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को जुर्माने के मामले में कुछ राहत पहुंचाने की घोषणा की।

जेटली ने कहा कि वह पिछली तिथि से नए कारारोपण के विरुद्ध कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुछ अन्य सदस्यों के सुक्षाव को स्वीकार करते हैं क्यों संबंधित प्रस्ताव से करारोपण तीन माह पीछे से प्रभावी हो गया था। देर से रिटर्न दाखिल करने और उसपर प्रतिदिन के आधार पर जुर्माना भरने वाले कर दाताओं को कुछ राहत प्रदान करते हुए जेटली ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को ऐसे मामलों में अपने विवेक से फैसला लेने का अधिकार दिया जायेगा।

वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने वर्ष 2014--15 के वित्त विधेयक को पारित कर दिया। इसके साथ ही लोकसभा में आम बजट पारित होने की प्रक्रिया पूरी हो गई। वित्त मंत्री ने चर्चा में भाग लेने वाले अपनी ही पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे के इस आशंका को निर्मूल बताया कि कालाधन के बारे में सरकार ने जो नीति अपनायी है उससे जिंदगी भर भी कालाधन लौटने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि मैं उनकी दीर्घायु की कामना करता हूं लेकिन साथ ही उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि उन्हें बहुत लम्बे समय तक प्रतीक्षा (विदेशों से कालाधन लाने की) नहीं करनी पड़ेगी। निम्न कर दरों वाले ढांचे और सरल कर प्रणाली की वकालत करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार निवेशकों का भरोसा बहाल करना चाहती है जो डगमगा गया था। उन्होंने कहा कि निम्न कर दरों से औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सामाजिक कल्याण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि निम्न कर ढांचे से भारतीय सामान प्रतिस्पर्धी बनेंगे और इस संबंध में उन्होंने चीन का उदाहरण भी दिया। जेटली ने कहा कि वित्त विधेयक में प्रस्तावित बदलाव से कर ढांचे को सरल और सहज बनाने के साथ अधिक राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी, क्योंकि हमें राजकोषीय घाटे को कम रखने के लिए इस वर्ष अधिक राजस्व की जरूरत है।

देर से आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों के लिए नियमों में राहत के अपने प्रस्ताव के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि देर से आयकर रिटर्न भरने के मामले में एक प्रावधान है जो कि काफी कष्टकारी हो जाता है क्योंकि इसमें प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है। इसमें छूट देने का भी कोई अधिकार नहीं है। जेटली ने कहा कि ऐसे में यदि कोई कहता है कि उसने एक साल बाद रिटर्न दाखिल की है तो फिर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना काफी अधिक हो जाता है।

ऐसे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को देरी से रिटर्न दाखिल करने वाले मामलों में अपने विवेक से कुछ फैसला करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि जुर्माने का प्रावधान इसमें बना रहेगा। निपटान आयोग के प्रस्ताव पर जेटली ने कहा कि यह ऐसे मामलों को देखेगा जहां नये सिरे से आकलन की प्रक्रिया शुरू की गई है। ऐसे मामले जहां किसी न्यायाधिकरण अथवा आयुक्त के आदेश के बाद नये सिरे से आकलन करना लंबित है।

जेटली ने कहा कि हमारी सरकार कर की ऊंची दरें रखने की पक्षधर नहीं है, उपभोक्ता उत्पाद खरीदना चाहते हैं, कर नहीं। आप यदि सभी वस्तुओं पर ज्यादा कर लगायेंगे, तब आपका उत्पाद कम प्रतिस्पर्धी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि चीन ने कम लागत के उत्पाद की कला सीख ली है।

कर मामलों से जुड़े कानूनी विवादों की बढ़ती संख्या में कमी लाने को लेकर जेटली ने कहा कि ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े विवादों के निपटान के लिये एडवांस रूलिंग की और पीठें स्थापित करने का प्रस्ताव है। पवन ऊर्जा क्षेत्र को गति देने के इरादे से उन्होंने क्षेत्र के लिये एक्सीलरेटेड डिप्रिशिएसन बेनिफिट योजना का विस्तार किये जाने की घोषणा की। कर रियायातों पर सदस्यों की चिंता दूर करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे अंतत: फायदा उपभोक्ताओं को होता है और घरेलू उत्पाद की कीमतें प्रतिस्पर्धी होती हैं।

जेटली ने कहा कि उन्होंने वाहन और पूंजीगत उत्पादों पर रियायती शुल्क की अवधि दिसंबर तक बढ़ा दी है ताकि विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सके। पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 30 जून तक के लिए यह रियायत दी थी। उन्होंने कहा हम ऐसी स्थिति तैयार करना चाहता हैं कि जहां उद्योगों के रुझान पर प्रतिकूल प्रभाव हुआ है वह ठीक हो जाए। उद्योग समर्थक होने और गरीब समर्थक होने में कोई अंतर्विरोध नहीं है। जब अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन ठीक होगा तभी हम निचले तबके का ध्यान रख सकते हैं जो 30 प्रतिशत है।

जेटली ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि सरकार कंपनियों के फायदे के लिए कर रियायत दे रही है। उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा है, कर रियायत से मूल्य कम होता है और आखिरकार इससे उपभोक्ताओं को रियायत मिलती है। विवादित सामान्य कर परिवर्जन नियम (गार) के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस पर बाद में फैसला करेंगे। तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कर चोरी रोकने के लिए गार का प्रावधान किया था जिसका कार्यान्वयन घरेलू और विदेशी निवेशकों की चिंता के मद्देनजर दो साल तक के लिए टाल दिया गया था। पिछली तारीख से आयकर वसूली से जुड़े संशोधन से प्रभावित निवेशकों का रुझान बेहतर करने की कोशिश के बारे में मंत्री ने कहा कि सरकार सैद्धांतिक रूप से ऐसा कोई कानून नहीं लाएगी जिससे पिछली तिथि का कोई नया उत्तदायित्व तय हो।

हालांकि, ऐसे पहले के मामलों के संबंध में जेटली ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया जारी रहेगी।
 कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर अपने जवाब में जेटली ने कहा कि उन्होंने संप्रग सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च के लिए अंतरिम बजट में आवंटित राशि में 5,000 करोड़ रुपए की वृद्धि का प्रस्ताव किया है। इसमें से 1000 करोड़ रुपए सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलवे प्रणाली के विकास पर खर्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा बलों में एक-पद-एक-पेंशन के फार्मूले पर काम कर रही है। जेटली ने कहा कि 1947 के बाद देश के लिए कुर्बान हुए 21,000 सैनिकों के सम्मान में युद्ध संग्रहालय और युद्ध स्मारक स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जेटली ने बजट में इसके लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

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