फोटो गैलरी

Hindi Newspetrol 32 paise diesel 85 paise cheaper

पेट्रोल 32 पैसे, डीजल 85 पैसे प्रति लीटर सस्ता

पेट्रोलियम कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत में 32 पैसे और डीजल की कीमत में 85 पैसे की कटौती कर दी। डीजल-पेट्रोल के मूल्य की पाक्षिक समीक्षा के बाद कंपनियों ने ताजा कटौती की यह घोषणा की है। नई...

पेट्रोल 32 पैसे, डीजल 85 पैसे प्रति लीटर सस्ता
एजेंसीFri, 15 Jan 2016 10:38 PM
ऐप पर पढ़ें

पेट्रोलियम कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत में 32 पैसे और डीजल की कीमत में 85 पैसे की कटौती कर दी। डीजल-पेट्रोल के मूल्य की पाक्षिक समीक्षा के बाद कंपनियों ने ताजा कटौती की यह घोषणा की है। नई दरें शुक्रवार आधी रात से लागू हो गई हैं।

मूल्य में इस कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल 59.03 रुपये जबकि डीजल 44.18 रुपये प्रति लीटर की दर से मिलेगा। इससे पहले 31 दिसंबर 2015 को हुई पाक्षिक बैठक में पेट्रोल के दाम में 63 पैसे जबकि 1.06 रुपये की कमी की गई थी। पेट्रोल और डीजल के दाम में 1 दिसंबर 2015 से अब तक यह चौथी कटौती है।

बता दें कि पिछले 12 वर्षों में पहली बार कच्चे तेल का दाम सबसे कम 30 डॉलर प्रति बैरल है। इससे कीमतों में और गिरावट देखने को मिलती, लेकिन सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के कारण उपभोक्ताओं को यह कीमत अदा करनी पड़ रही है।

पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल पर फिर से उत्पाद शुल्क बढ़ाने की घोषणा की। पेट्रोल पर 75 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।

दो सप्ताह से भी कम समय में यह उत्पाद शुल्क में दूसरी बढ़ोतरी है। इससे सरकार 3,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटा पाएगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 12 साल के निचले स्तर पर आ गए हैं। लेकिन सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को इससे होने वाला लाभ सिमटकर आधा रह जाएगा। उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से ही शुक्रवार को कीमत में कटौती पेट्रोल के मामले में 32 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल में 85 पैसे प्रति लीटर तक सिमट गई।

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के अनुसार गैर ब्रांडेड या सामान्य पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क की दर 7.73 रुपये से बढ़कर 8.48 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह गैर ब्रांडेड डीजल पर यह 7.83 रुपये से बढ़कर 9.83 रुपये लीटर हो गई है। सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से अपने राजस्व में बढ़ोतरी करना चाहती है ताकि विनिवेश लक्ष्य मंे आने वाली कमी की कुछ भरपाई हो सके।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें