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15 साल में 1 लाख अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत: पनगढ़िया

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया ने आज कहा कि भारत आगामी 15 साल में एक लाख अरब डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था बन सकता है। पनगढ़िया ने भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता से इतर उद्योग एवं वाणिज्य...

15 साल में 1 लाख अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत: पनगढ़िया
एजेंसीFri, 07 Oct 2016 05:05 PM
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया ने आज कहा कि भारत आगामी 15 साल में एक लाख अरब डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था बन सकता है। पनगढ़िया ने भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता से इतर उद्योग एवं वाणिज्य संगठन फिक्की द्वारा नीति आयोग और चीन के राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग (एनडीआरसी) के सहयोग से आयोजित भारत-चीन निवेश कांक्लेव में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जैसे पिछले 15 साल में चीन दो हजार अरब डॉलर से बढ़कर एक लाख अरब डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था बना है, ठीक वैसे ही भारत भी अभी के दो हजार अरब डॉलर से बढ़कर आगामी 15 वर्षों में यह मुकाम हासिल कर सकता है।

उन्होंने कहा, 'सुस्त पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत और चीन दो आकर्षक बिन्दु हैं। बड़े विकासशील देश तथा प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत और चीन दोनों एकसाथ सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने और 2.6 अरब लोगों के जीवन को सुधारने में योगदान देने के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं।' पनगढ़िया ने कहा कि भारत का चीन के साथ व्यापार एवं निवेश संबंध हालिया वर्षों में तेजी से बढ़ा है। पिछले साल दोनों देशों के बीच करीब 71 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ जिससे पता चलता है कि चीन भारत का प्रमुख व्यापारिक भागीदार है।

हालांकि, द्विपक्षीय व्यापार प्रवाह में बड़े असंतुलन को सही करने के सतत तरीके की खोज आवश्यक है। आपसी निवेश से दोनों पक्षों के कारोबारी जगत को एक-दूसरे से मिलने-जुलने का मंच मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार अपना काम करेगी, लेकिन दोनों पक्षों के कारोबारी जगत को विकास प्रक्रिया का मुख्य कारक बनना होगा। एनडीआरसी के अध्यक्ष शु शाओशी ने कहा कि भारत और चीन के बीच निवेश संबंधों को मजबूत बनाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने तथा आपसी संपर्क को मजबूत करने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में चौथे भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता में दोनों देशों की कंपनियों के बीच आपसी सहयोग के 16 अनुबंध किये गये हैं।
 

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