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सावधान! 19 बैंकों के 32 लाख डेबिट कार्ड्स खतरे में, जानिए क्या करें-कैसे बचें

देश के बैंकों पर पहली बार हुआ है ऐसा हमला देश के 19 बैंक पहली बार इस तरह के क्राइसिस से गुजर रहे हैं जब हैकिंग और डाटा लीक के डर से उन्हें करीब 32 लाख डेबिट कार्ड्स या तो ब्लॉक करने पड़े हैं य

लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Oct 2016 05:57 PM

देश के बैंकों पर पहली बार हुआ है ऐसा हमला

देश के 19 बैंक पहली बार इस तरह के क्राइसिस से गुजर रहे हैं जब हैकिंग और डाटा लीक के डर से उन्हें करीब 32 लाख डेबिट कार्ड्स या तो ब्लॉक करने पड़े हैं या फिर उन्होंने ये कार्ड्स रिकॉल कर लिए हैं। इस पूरे प्रकरण की शुरुआत एक पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर की सिक्युरिटी में लगी सेंध के बाद हुई और यहीं से जो डाटा लीक हुआ उससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए बैंकों ने ये कदम उठाया है। इसे देश में हुई अब तक की सबसे बड़ी डेबिट कार्ड डाटा की चोरी माना जा रहा है और बैंकों ने कस्टमर्स को एहतियातन अपने पिन बदल देने के लिए अलर्ट जारी किया है। 

जानिए क्या है पूरा मामला

इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब दो दिन पहले SBI ने अपने 6 लाख डेबिट कार्ड्स ब्लॉक कर दिए। SBI ने कुछ भी साफ़-साफ़ न बताते हुए इसे सिर्फ एहतियातन उठाया गया एक कदम बताया। बाद में गुरूवार को SBI समेत 5 और बैंको ने भी ये बात मान ली कि उनके कस्टमर्स के डेबिट कार्ड्स के डीटेल्स और पिन नंबर चोरी हो गए हैं और ऐसे कार्ड्स का इस्तेमाल उन ATM पर किया जा रहा है जहां से मालवेयर के जरिए डाटा चुराया जा रहा है। जिन बैंकों का डाटा चोरी हुआ है उनमें SBI, HDFC, ICIC, Yes bank और एक्सिस बैंक शामिल हुए। अब इस लिस्ट में 19 बैंक शामिल हैं। 

अब बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक और आंध्र बैंक ने भी अपने कस्टमर्स को पिन चेंज करने और कुछ दिनों तक मैग्नेटिप स्ट्रिप वाले डेबिट कार्ड न इस्तेमाल करने की सलाह जारी की है। कुछ बैंकों का नाम तो सामने आया है लेकिन उन्होंने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है। हालांकि कई बैंक कस्टमर्स ने चीन-यूएस में उनके इंटरनेशनल डेबिट कार्ड से पैसा निकाले जाने की शिकायत की है। 

अगली स्लाइड में जानिए किस देश के हैकर्स ने किया है ये हमला...

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किसने की है हैकिंग 

इस पूरे मामले में हैकिंग के लिए अगर किसी का नाम सामने आ रहा है तो वो है चीन। पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर ने भी चीनी हैकर्स पर शक जताया है और कई लोगों ने उनके इंटरनेश्नल डेबिट कार्ड के जरिए चीन में पैसे निकाले जाने की शिकायत भी की गई है। अभी तक एनपीसीआई के मुताबिक 19 बैंकों के 641 कस्टमर्स के कुल 1।3 करोड़ रुपए के अचानक विदड्रॉल होने के बाद शक हुआ। इसी के बाद हैकिंग का खतरा सामने आया। चोरी हुए डाटा में से करीब 26 लाख वीजा और मास्टर कार्ड हैं जबकि बाकी रुपे के कार्ड हैं। इनमें से कुछ कार्ड्स का चीन की कुछ जगहों पर अनाधिकारिक तौर पर इस्तेमाल हुआ है। कहा जा रहा है कि हिताची पेमेंट सर्विस सिस्टम से जुड़े एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों के पिन चोरी हुए हैं। 

कैसे किया गया ये सब
न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, यस बैंक को सेवाएं देने वाली हिताची पेमेंट सर्विसेस के सिस्टम की सिक्युरिटी में सेंध लगी है। हिताची ही एटीएम सर्विसेस, प्वाइंट ऑफ सेल्स सर्विसेस, इमर्जिंग पेमेंट सर्विसेस और कैश रिसाइकलिंग एटीएम और ऑटो पासबुक एंट्री मशीनों जैसे बैंकिंग चैनल प्रोडक्ट्स मुहैया कराती है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, हिताची पेमेंट सर्विस के मैनेजिंग डायरेक्टर लोनी एंटनी ने बताया कि बैंकों ने उनकी कंपनी से 30 ATM से भारत के बाहर हुए 400 संदिग्ध ट्रांजैक्शंस की जांच करने को कहा है।

बता दें कि अभी तक ज्यादातर ATM मशीनों पर फ्रॉड  स्किमर लगा कर या हिडन कैमरे के जरिए पिन नंबर चुरा कर ही इस तरह की सेंधमारी की जाती थी। लेकिन मालवेयर के जरिए इस तरह की घटना को अंजाम देने का या इस लेवल का पहला मामला है। हालांकि, प्रभावित बैंकों और नियामक संस्थाओं ने संभावित मालवेयर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। कुछ जानकारों ने कहा कि जिस तरह एसबीआई ने बड़ी संख्या में नए डेबिट कार्ड इशू करने का फैसला लिया है उससे लगता है कि मालवेयर ने कार्ड के हार्डवेयर सिक्यॉरिटी मॉड्यूल तक पहुंच बना ली है जहां से कार्ड की जानकारी और पिन नंबर जाना जा सकता है। इस समस्या से प्रभावित डेबिट कार्डों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन यह पूरे देश में इस्तेमाल हो रहे कार्डों के आधे प्रतिशत से भी कम है। RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी पूरे देश में लगभग 60 करोड़ ATM कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

अगली स्लाइड में जानिए क्या कदम उठा रही है सरकार...

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जल्द हल निकालेगी सरकार

सरकार ने फिलहाल 32 लाख डेबिट कार्ड की सुरक्षा के मद्देनजर देश के विभिन्न बैंकों से रिपोर्ट तलब की है। साथ ही ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अतिरिक्त कदमों की जरूरत के बारे में भी पूछा है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक बैंकों से रिपोर्ट और सुझाव मिलने के बाद वन टाइम पासवर्ड व्यवस्था को लागू करने पर निर्णय लिया जाएगा। आरबीआई भी डेबिट कार्ड के जरिए खातों में सेंध लगाने के मसले पर विशेषज्ञों से चर्चा कर रहा है। साइबर हमलों से बचाव के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं। इसका हल जल्द से जल्द निकाल लिया जाएगा।

मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक वित्तीय सेवा विभाग के पास मौजूदा समय योग्य उपाय वन टाइम पासवर्ड का ही है। इसे क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर बैंकों को डेबिट कार्ड को सुरक्षित करने के लिए पिन के साथ लागू करने को कहा जा सकता है, लेकिन पहले आरबीआई और बैंकों से विचार-विमर्श किया जाएगा। हालांकि फाइनेंशियल सर्विसेस डिपार्टमेंट के एडिशनल सेक्रेटरी जीसी मुरमू ने बताया कि सिर्फ 0।5% डेबिट कार्ड्स प्रभावित हुए हैं जबकि बाकी 99।5% कार्ड्स पूरी तरह सेफ हैं। बैंक कस्टमर्स को घबराने की जरूरत नहीं है।

बैंकों ने उठाए क्या कदम
सबसे पहले SBI ने एहतियात के तौर पर 6 लाख डेबिट कार्ड रिकॉल किए हैं, वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक और आंध्र बैंक ने अपने कस्टमर्स के डेबिट कार्ड्स एहतियातन ब्लॉक करने के बाद बदल दिए हैं। उधर आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और यस बैंक ने अपने कस्टमर्स से एटीएम पिन नंबर्स बदलने को कहा है।

एचडीएफसी बैंक ने अपने कस्टमर्स से कहा कि है कि वह अपने ही बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करें। फ़िलहाल हिताची पेमेंट सर्विसेस से 30 ATM से हुए 400 ट्रांजैक्शंस की जांच करने को कहा गया। कार्ड नेटवर्किंग कंपनियों NPCI, Visa, Mastercard और RuPay ने कई बैंकों को हैकिंग के खतरे के बारे में बताया है। इसी वजह से कुछ कस्टमर्स के कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। आरबीआई के जुलाई डाटा के मुताबिक, देश में करीब 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं। अकेले एसबीआई के 20 करोड़ डेबिट कार्ड होल्डर हैं। 19 करोड़ कार्ड RuPay के हैं। बाकी वीसा और मास्टरकार्ड के हैं।

अगली स्लाइड में जानिए बैंक इस पर क्या कह रहे हैं...

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क्या कहा बैंकों ने 

एसबीआई के बैंक की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मंजू अग्रवाल ने कहा- हमें इस बारे में जानकारी है। हम अपने कस्टमर्स को रिस्क में नहीं डाल सकते। इसलिए उन्हें नए कार्ड दिए जा रहे हैं। सिक्युरिटी में सेंध मई से जुलाई के बीच लगी। इसका पता सितंबर में चला। उन्होंने बताया कि इसी वजह से एहतियातन कदम उठाए गए हैं। हमने कस्टमर्स से पिन नंबर भी बदलने को कहा है। निर्देशों के बावजूद 7% कस्टमर्स ने ही पिन नंबर बदले थे। इसी वजह से कार्ड रिकॉल का फैसला लिया गया। नए कार्ड बिना किसी चार्ज के जारी होंगे। कैनरा बैंक ने कहा है कि कस्टमर्स तुरंत अपने पिन बदलें। जो पिन नहीं बदलेंगे उनके एटीएम कार्ड 21 अक्टूबर के बाद ब्लॉक कर दिए जाएंगे।

उधर यस बैंक बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव राणा कपूर ने कहा कि हमें आउटसोर्सिंग पार्टनर्स के मामले में और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। एक्सिस बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि हमने कस्टमर्स से पिन कार्ड बदलने को कहा है। हमारे एटीएम का नेटवर्क पूरी तरह सिक्योर है। हमने हमारे कस्टमर्स से एक्सिस बैंक के नेटवर्क एटीएम का ही इस्तेमाल करने को कहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मयंक मेहता ने भी भरोसा दिलाया, ''हमें पता चला कि विदेशों में हमारे कस्टमर्स के कार्ड्स से कुछ संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुए हैं। हमने कार्ड रिकॉल की प्रोसेस पूरी कर ली है।'' 

सेंट्रल बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरसी लोढ़ा ने कहा कि कुछ कस्टमर्स ने चीन में उनके कार्ड से ट्रांजैक्शन होने की शिकायत की थी। जबकि ये कस्टमर्स न तो विदेश में थे, न उनके पास पासपोर्ट हैं। वीजा की तरफ से जारी बयन के मुताबिक, हम डोमेस्टिक डेबिट एटीएम ट्रांजैक्शन प्रोसेस नहीं करते। लेकिन हमें भी विदेशों में ट्रांजैक्शंस के बारे में शिकायत मिली थी। उधर मास्टरकार्ड कंपनी ने कहा कि हम इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं और अभी मास्टरकार्ड पूरी तरह सिक्योर है।

अगली स्लाइड में जानिए क्या न करें और कैसे मिलेगा हर्जाना...

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क्या करें और कैसे बचें

1. अपने एटीएम पिन को फौरन बदलें। एसबीआई के अनुसार ये फ्रॉड पूरी बैंकिंग इंडस्ट्री को चपेट में ले सकता है। ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि अपने एटीएम पिन को तुरंत चेंज करें।

2. आऱबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह अपने सभी एटीएम-डेबिट कार्ड को मैगनेटिक स्ट्रिप की जगह ईवीएम चिप में जनवरी 2017 तक क्नवर्ट कर लें। आप अपने बैंक को कार्ड रिप्लेस करने के लिए कह सकते हैं।

3. अपनी ही बैंक का एटीएम यूज करें। एचडीएफसी बैंक ने पहले ही अपने कस्टमर्स से कहा कि है कि वह अपने ही बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करें।

4. अगर आपके अकाउंट में फ्रॉड हुआ है, तो तुरंत अपने बैंक को अलर्ट करें, और उसकी शिकायत बैंकिंग लोकपाल से लेकर पुलिस को कराएं। फ्रॉड हो जाने के बाद एटीएम कार्ड ब्लॉक और रिप्लेसमेंट कराएं।

5. सिंगल डे इवेंट में जैसे कोई शो, आईपीएल मैच, क्रिकेट मैच, दूसरे फंक्शन जहां पर टेम्परेरी स्टॉल होते हैं। यहां क्लोनिंग का खतरा ज्यादा है। पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल पर हैकिंग का खतरा रहता है। होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप कार्ड यूज करते वक्त सर्विसमैन को पासवर्ड ना बताएं।  ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करते समय साइबर कैफे के इस्तेमाल से बचें।

 

अगर नुकसान हुआ है तो मिलेगा हर्जाना

आपको बता दें कि अगर आपके साथ भी ऐसा कोई फ्रॉड हुआ है और कहीं से किसी प्रकार की कोई राहत नहीं मिली है,  तो आप कानून की मदद ले सकते हैं। साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में एटीएम कार्ड की हैकिंग होने पर कोर्ट से मदद मिलती है। एक्ट के सेक्शन 43 और 66 के अनुसार, आप 5 करोड़ तक का हर्जाना ले सकते हैं और जिस व्यक्ति ने ऐसा किया है उसको तीन साल तक की सजा भी दिलवा सकते हैं।

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