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Hindi Newsgst council fixed final tax rates 50 per cent of goods will tax free

GST परिषद ने तय की दरें, 50% वस्तुओं पर कोई TAX नहीं

अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रस्तावित नई वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय कर व्यवस्था रखे जाने का निर्णय किया गया है। जीएसटी परिषद ने आज यहां इस...

GST परिषद ने तय की दरें, 50% वस्तुओं पर कोई TAX नहीं
एजेंसीThu, 03 Nov 2016 07:08 PM
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अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रस्तावित नई वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय कर व्यवस्था रखे जाने का निर्णय किया गया है। जीएसटी परिषद ने आज यहां इस चार स्तरीय जीएसटी कर ढांचे पर अपनी सहमति जताई है। सबसे निम्न दर आम उपभोग की वस्तुओं पर लागू होगी जबकि सबसे उंची दर विलासिता और तंबाकू जैसी अहितकर वस्तुओं पर लागू होगी। उंची दर के साथ इन पर अतिरिक्त उपकर भी लगाया जायेगा। महंगाई को ध्यान में रखते हुये खाद्यान्न सहित आवश्यक उपभोग की कई वस्तुओं को कर मुक्त रखा गया है। इस लिहाज से उपभोक्ता मूलय सूचकांक में शामिल तमाम वस्तुओं में से करीब 50 प्रतिशत वस्तुओं पर कोई कर नहीं लगेगा। इन्हें शून्य कर की श्रेणी में रखा गया है। 

जीएसटी परिषद की आज यहां शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के पहले दिन वित्त मंत्री अरण जेटली ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा जीएसटी प्रणाली के तहत पांच प्रतिशत की दर सामान्य उपभोग की वस्तुओं के लिये होगी, जबकि 12 और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी। सरकार की जीएसटी को एक अप्रैल 2017 से लागू करने की मंशा है। उन्होंने कहा कि सबसे उंची 28 प्रतिशत की दर उन वस्तुओं पर लागू होगी जिनमें वर्तमान में उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत की दर से कर लगता है। इनमें लक्जरी कारें, तंबाकू और ठंडे पर उंची दर के साथ ही स्वच्छ उर्जा उपकर तथा राज्यों को राजस्व की हानि की क्षतिपूर्ति के लिए एक नया उपकर लगाया जायेगा। 

जेटली ने बताया कि अतिरिक्त उपकर और स्वच्छ उर्जा उपकर सहित जो भी राजस्व प्राप्त होगा उसे एक अलग कोष में रखा जायेगा। इस राजस्व कोष का इस्तेमाल राज्यों को यदि कोई राजस्व नुकसान होता है तो उसकी भरपाई के लिये किया जायेगा। जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल तक यह व्यवस्था बनी रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले साल राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये 50,000 करोड़ रपये की आवश्यकता होगी। जीएसटी व्यवस्था के तहत केन्द्र सरकार के स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, सेवा कर और राज्यों में लगने वाले वैट तथा अन्य कर सभी अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जायेंगे। 

जीएसटी परिषद की आज की बैठक में जिस चार स्तरीय कर ढांचे को मंजूरी दी गई है वह इससे पहले चर्चा में आये 6, 12, 18 और 26 प्रतिशत के कर ढांचे में मामूली बदलाव के साथ मंजूर किया गया है। जेटली ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने सोने पर चार प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया है। बहरहाल इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। 

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