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Hindi Newsgdp growth accelerates to 74 in q2 rate cut unlikely

दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि 7.4 प्रतिशत, भारत ने चीन को पछाड़ा

विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में बढ़ कर 7.4 प्रतिशत हो गई। इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से आगे...

दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि 7.4 प्रतिशत, भारत ने चीन को पछाड़ा
एजेंसीMon, 30 Nov 2015 09:19 PM
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विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में बढ़ कर 7.4 प्रतिशत हो गई। इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के तौर पर चीन से आगे निकल गया है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत थी। अनुमान है कि पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में इसमें जो सुधार दिखा है वह रिजर्व बैंक द्वारा हाल के महीनों में लगातार दरों में की गई कटौती के मद्देनजर हुआ है।

इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक की मंगलवार को जारी की जाने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर (रेपो) को स्थिर रखने की धारणा को मजबूती मिली है।

वर्ष 2015-16 की जुलाई से सितंबर की दूसरी तिमाही में वृद्धि के जो आंकड़े आए हैं वह हालांकि, एक साल पहले की इसी तिमाही में हासिल 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर के मुकाबले काफी नीचे हैं।

दूसरी तिमाही में भारत की 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर इसी अवधि के दौरान चीन में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि से बेहतर है।

रूस की वृद्धि दर में इस दौरान 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। ब्राजील के बारे में यह अनुमान है कि उसकी अर्थव्यवस्था में 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई होगी।

केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार सकल
मूल्य वर्धन (जीवीए) में भी दूसरी तिमाही के दौरान 7.4 प्रतिशत वृद्धि रही जबकि
पहली तिमाही में इसमें 7.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

पिछले साल दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 8.4 प्रतिशत रही थी जबकि पहली तिमाही में आर्थिक वद्धि दर 6.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

सीएसओ आंकड़ों के अनुसार जिन क्षेत्रों में दूसरी तिमाही के दौरान सात प्रतिशत से अधिक आर्थिक वद्धि दर्ज की गई उनमें व्यापार, होटल, परिवहन और दूरसंचार क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा प्रसारण, वित्तीय, बीमा, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवायें और विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां शामिल हैं।
 
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 8.1 से 8.5 प्रतिशत के दायरे में वृद्धि का अनुमान लगाया है।
आंकड़ों से बताते हैं कि वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्यों पर विनिर्माण क्षेत्र का सकल मूल्यवर्धन 9.3 प्रतिशत बढ़ा है। एक साल पहले इसी क्षेत्र में 7.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

इसी प्रकार खनन और उत्खनन क्षेत्र की वृद्धि 3.2 प्रतिशत रही जहां एक साल पहले 1.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

आंकड़ों के मुताबिक व्यापार, होटल, परिवहन, दूरसंचार और सेवाओं से जुड़े प्रसारण क्षेत्र में इस दौरान 10.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। एक साल पहले इस क्षेत्र में 8.9 प्रतिशत वृद्धि रही थी।
  
वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि इस दौरान गिरकर 9.7 प्रतिशत रह गई जबकि एक साल पहले क्षेत्र में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

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