5 बैंकों के 32 लाख डेबिट कार्ड्स का डाटा चोरी, चीन के हैकर्स पर शक
जल्द से जल्द बदल दें अपना ATM पिन SBI (स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया) ने बुधवार को ही 6 लाख से भी ज्यादा डेबिट कार्ड एहतियाती तौर पर ब्लॉक किए गए हैं। इसके बाद अब खबर आ रही है कि SBI समेत 5 और ब
जल्द से जल्द बदल दें अपना ATM पिन
SBI (स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया) ने बुधवार को ही 6 लाख से भी ज्यादा डेबिट कार्ड एहतियाती तौर पर ब्लॉक किए गए हैं। इसके बाद अब खबर आ रही है कि SBI समेत 5 और बैंको के करीब 32 लाख डेबिट कार्ड्स के डीटेल्स और पिन नंबर चोरी हो गए हैं। ऐसे कार्ड्स का इस्तेमाल उन ATM पर किया जा रहा है जहां से मालवेयर के जरिए डाटा चुराया जा रहा है। जिन बैंकों का डाटा चोरी हुआ है उनमें SBI, HDFC, ICIC, Yes bank और एक्सिस बैंक शामिल हैं।
जानकारों का कहना है कि इस तरह की सेंधमारी का ये पहला मामला नहीं है लेकिन इतने बड़े स्तर पर ऐसी धोखाधड़ी होने का ये पहला मामला है। चोरी हुए डाटा में से करीब 26 लाख वीजा और मास्टर कार्ड हैं जबकि बाकी रुपे के कार्ड हैं। इनमें से कुछ कार्ड्स का चीन की कुछ जगहों पर अनाधिकारिक तौर पर इस्तेमाल हुआ है। कहा जा रहा है कि हिटाची पेमेंट सर्विस सिस्टम से जुड़े एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों के पिन चोरी हुए हैं। हिटाची के मुताबिक यस बैंक के लिए ATM नेटवर्क चलाती है। हालांकि ज्यादातर बैंक ने अभी इस तरह की किसी सेंधमारी की ऑफिशियल घोषणा नहीं की है। हालांकि यस बैंक का ATM नेटवर्क बहुत छोटा है लेकिन इन मशीनों से थर्ड पार्टी ट्रांजैक्शन के कारण कई बैंक प्रभावित हुए हैं।
यस बैंक ने एक बयान जारी कर कहा है कि बैंक ने अपने सभी ATM की जांच की है जिसमें सुरक्षा में सेंध का कोई मामला सामने नहीं आया है। बैंक ग्राहकों, अन्य बैंकों और NPCI (नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के साथ अपनी सेवाएं जारी रखे हुए है और सुनिश्चित करता है कि बैंक के ATM नेटवर्क और पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित हैं। दूसरी तरफ रेग्युलेटरी संस्था ने बयान जारी कर कहा है कि प्रभावित सिस्टम की जांच की गई है और जिन कार्डों के डीटेल्स चोरी हुए हैं उनकी पहचान की जा चुकी है। साथ ही बैंक अपने स्तर पर सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है। इस घटना ने RBI को भी अपने रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क का समीक्षा करने को मजबूर कर दिया है। आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह तुरंत इस फ्रॉड के बारे में उसे सूचित करें। इस जानकारी को बिना पहचान उजागर किए अन्य बैंकों के साथ भी साझा किया जाएगा।
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5 बैंकों के 32 लाख डेबिट कार्ड्स का डाटा चोरी, चीन के हैकर्स पर शक
सुरक्षा को लेकर खड़ी हो गयी हैं चुनौतियां
बता दें कि अभी तक ज्यादातर ATM मशीनों पर फ्रॉड स्किमर लगा कर या हिडन कैमरे के जरिए पिन नंबर चुरा कर ही इस तरह की सेंधमारी की जाती थी। लेकिन मालवेयर के जरिए इस तरह की घटना को अंजाम देने का या इस लेवल का पहला मामला है। हालांकि, प्रभावित बैंकों और नियामक संस्थाओं ने संभावित मालवेयर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
कुछ जानकारों ने कहा कि जिस तरह एसबीआई ने बड़ी संख्या में नए डेबिट कार्ड इशू करने का फैसला लिया है उससे लगता है कि मालवेयर ने कार्ड के हार्डवेयर सिक्यॉरिटी मॉड्यूल तक पहुंच बना ली है जहां से कार्ड की जानकारी और पिन नंबर जाना जा सकता है। इस समस्या से प्रभावित डेबिट कार्डों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन यह पूरे देश में इस्तेमाल हो रहे कार्डों के आधे प्रतिशत से भी कम है। RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी पूरे देश में लगभग 60 करोड़ ATM कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
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5 बैंकों के 32 लाख डेबिट कार्ड्स का डाटा चोरी, चीन के हैकर्स पर शक
SBI के फैसले से भी बढ़ गयी हैं मुश्किलें
भारतीय स्टेट बैंक और उसके 4 सहयोगी बैंकों के 6 लाख से भी ज्यादा ग्राहकों के लिए उस समय अचानक ही परेशानी खड़ी हो गयी जब पता चला कि उनका डेबिट कार्ड ब्लॉक कर दिया गया है। बता दें कि SBI और उसके चार सहयोगी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर के 4 करोड़ 76 लाख भी ज्यादा डेबिट कार्ड थे।
कार्ड नेटवर्क कंपनियां एनपीसीएल, मास्टरकार्ड और वीजा ने विभिन्न बैंको को डाटा संबंधी सुरक्षा व्यवस्था के टूटने को लेकर देश में कुछ कार्ड के लिए संभावित खतरे की जानकारी दी। इसी के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने एहतियाती कदम उठाया और कार्ड नेटवर्क कंपनियों की ओऱ से पहचान किए गए कार्ड को ब्लॉक कर दिया है। एसबीआई की ओर से जारी मूल बयान के मुताबिक बैंक इस बात पर जोर देना चाहता है कि एसबीआई के सिस्टम में कोई परेशानी की बात नहीं है और मौजूदा कार्ड धारक बिना किसी जोखिम के अपने कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिन ग्राहकों के कार्ड ब्लॉक किए गए हैं, उन्हे एसबीआई नए कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में हैं और ग्राहकों को इसके लिए किसी भी तरह का भुगतान नहीं करना होगा। मौजूदा समस्या कार्ड इंडस्ट्री की समस्या है और ना केवल एसबीआई की।
ब्लॉक किए गए कार्ड का इस्तेमाल कुछ ऐसे एटीएम पर किया गया था जिनमें वायरस फैल चुका था। इसी वजह से इन कार्ड के डाटा लीक होने का खतरा बना और इसी वजह से कार्ड को ब्लॉक किया गया। एसबीआई का कहना है कि जो लोग उनके एटीएम का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई है। एसबीआई का ये भी कहना है कि उसके कुल कार्ड में महज 0।25 फीसदी ही ब्लॉक किए गए हैं। रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, जुलाई के अंत तक एसबीआई के 20 करोड़ 27 लाख से भी ज्यादा एक्टिव डेबिट कार्ड थे।
फिलहाल, आप अपने डेबिट कार्ड की सुरक्षा के लिए कुछ कदम खुद भी उठा सकते हैं। सबसे पहले तो आपको हर महीने या फिर 3 से 6 महीने पर अपने कार्ड का पिन बदलना चाहिए। किसी भी सूरत में अपना पिन नंबर या फिर नेट बैंकिंग का पासवर्ड किसी के साथ भी साझा नहीं करना चाहिए। होटल, रेस्त्रां, पेट्रोल पंप या फिर भी किसी भी दुकान पर अगर कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने सामने ही उसे स्वाइप करें, ताकि उसकी क्लोनिंग यानी नकली कार्ड बनाने से बचाया जा सके।
5 बैंकों के 32 लाख डेबिट कार्ड्स का डाटा चोरी, चीन के हैकर्स पर शक