लगातार दूसरे दिन भी कच्चे तेल की कीमत में गिरावट
उत्पादन कटौती को लेकर तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक और गैर ओपेक देशों की ऊहोपोह स्थिति से आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल फिा लुढ़क गया। गत शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में तीन प्रतिशत से...
उत्पादन कटौती को लेकर तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक और गैर ओपेक देशों की ऊहोपोह स्थिति से आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल फिा लुढ़क गया। गत शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी थी।
लंदन में ब्रेंट क्रूड का वायदा 1० सेंट लुढ़ककर 47.14 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। हालांकि जनवरी का अमेरिकी स्वीट क्रूड वायदे में 21 सेंट की तेजी रही और यह 46.47 डॉलर प्रति बैरल बोला गया।
गत रविवार को सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल फालिह ने कहा कि उनका मानना है कि 2०17 में कच्चे तेल की कीमतें खुद ही संतुलित हो जाएंगी चाहे ओपेक समझौता हो या न हो। उन्होंने कहा कि उत्पादन का मौजूदा स्तर यदि रखा भी जाये तो इससे तेल की कीमतों पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
सऊदी अरब के इस बयान से पहले रूस ने यह कहकर ओपेक समझौते की राह में रोड़ा लगा दिया था कि यह कैसे तय होगा कि कौन सा देश उत्पादन में कितनी कटौती करेगा। ओपेक और गैर ओपेक देशों के बीच आज होने वाली बैठक में सऊदी अरब शामिल नहीं हुआ। इसी बीच उत्पादन सीमित करने के संबंध में रूस से बातचीत करने के लिए आज शाम अल्जीरिया और वेनेजुएला के तेल मंत्री भी मॉस्को पहुंचने वाले हैं।
विश्लेषकों के अनुसार अगर बुधवार को होने वाली बैठक में किसी तरह उत्पादन कटौती की घोषणा हो भी गयी तो सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि समझौते के लिए क्या शर्तें रखी गयीं। उनके अनुसार जो तेल उत्पादक देश तेल के निर्यात से आने वाले राजस्व पर निर्भर हैं, उनके लिए यह समझौता काफी महत्व रखता है।