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एपल भारत में नहीं बनाएगा आईफोन!

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक कंपनी एपल के प्रमुख टिम कुक ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत में एपल उत्पादों के विनिर्माण और यहां के कौशलप्राप्त...

एपल भारत में नहीं बनाएगा आईफोन!
एजेंसीSun, 22 May 2016 01:50 PM
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प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक कंपनी एपल के प्रमुख टिम कुक ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत में एपल उत्पादों के विनिर्माण और यहां के कौशलप्राप्त युवाओं को अपने साथ जोड़ने की संभावनाओं पर चर्चा की।

कंपनी ने भारत के लिए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं:
पहली ये कि एपल का भारत में पहला डेवलपमेंट सेंटर हैदराबाद में खुलेगा जहां 150 एपल डेवलपर्स एपल मैप पर काम करेंगे। सेंटर बाद में अपने खुद के कैंपस में शिफ्ट कर जाएगा और कर्मचारियों की संख्या 2500 तक हो जाएगी। 18 मई को एपल ने बेंगलुरु में डिजाइन और डेवेलपमेंट ऐक्सेलरेटर खोलने का एलान किया है। 2017 में खुलने वाला यह सेंटर आईओएस एप डेवलपर को मदद करेगा। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम पर है इसलिए निश्चित तौर पर विनिर्माण क्षेत्र को लेकर चर्चा होगी।

दूसरा ये कि एपल भारत में आईफोन का निर्माण करेगा लेकिन वो ये खुद नहीं करेगा। एपल खुद से आईफोन नहीं बनाता है। बल्कि ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन चीन में आईफोन का निर्माण करती है। पिछले साल अगस्त में फॉक्सकॉन ने महाराष्ट्र में कई ब्रैंडों के लिए पांच अरब अमरीकी डॉलर की निवेश की घोषणा की थी। इस साल की रिपोर्टों के मुताबिक संभावना थी कि फॉक्सकॉन, महाराष्ट्र में एपल डिवाइसों के निर्माण के लिए दस अरब अमरीकी डॉलर के लागत से एक प्लांट की स्थापना करेगा।

अभी तक इन सभी योजनाओं की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन कंपनी ने मुंबई के नजदीक चीनी कंपनी शाओमी और भारतीय कंपनी रिलायंस जीओ के उत्पादों के निर्माण के लिए जगह ले ली है। भारत में निर्माण होने के कारण आईफोन की कीमत में गिरावट आ सकती है। आईफोन महंगे होते हैं और 'प्रीमियम स्मार्टफोन की श्रेणी' में आते हैं। इस श्रेणी में तीस हजार से ऊपर के फोन आते हैं।

इस श्रेणी में एपल का 44 फीसदी शेयर है जो कि सैमसंग के करीब-करीब बराबर है। एक साल से एपल का कोई मॉडल बाजार में नहीं आया है। पुराने आईफोन सस्ते हैं लेकिन उनकी बिक्री कम होती है। भारत के ग्राहक कीमत को लेकर सजग होने के बावजूद पुराने आईफोन मॉडल खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं। एपल के साथ समस्या है कि इसके नए मॉडल महंगे हैं और पुराने मॉडल में भारतीय ग्राहक कुछ ख़ास दिलचस्पी नहीं लेते हैं।

भारत में आईफोन की बिक्री को बढ़ाने का एक रास्ता उन नए मॉडल वाले आईफोनों को बेचना है जिन्हें अक्सर ग्राहक लौटा देते हैं और जिन्हें फैक्ट्री में भेजकर फिर से परीक्षण और प्रमाणित किया जाता है। वे नए आईएमइआई नंबर और वॉरंटी के साथ फिर से बेचे जाते हैं। इस तरह के फोन एपल दूसरे बाजारों में बेचता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे आईफोन को डिस्काउंट के साथ खरीदने में भारतीय ग्राहकों की अधिक दिलचस्पी होगी।

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