फलों पर पड़ी महंगाई की मार, 45 फीसदी दाम बढ़े
बेमौसम बरसात के कारण पैदावार घटने से पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने और बिचौलियों की बढ़ती भूमिका के कारण बाजार में इस वर्ष आम, केला, अंगूर और सेब जैसे फलों की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी सीजन की तुलना...
बेमौसम बरसात के कारण पैदावार घटने से पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने और बिचौलियों की बढ़ती भूमिका के कारण बाजार में इस वर्ष आम, केला, अंगूर और सेब जैसे फलों की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी सीजन की तुलना में 45 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है जिसके कारण मौसमी फल आम जनता की पहुंच से दूर हो गए हैं।
उद्योग संगठन भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) के एक अध्ययन में कहा गया है कि सब्जियों के साथ-साथ फलों के दाम भी आसमान छू रहे हैं जिससे आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा पौष्टिक आहार से वंचित हो गया है। सभी महानगरों और प्रमुख नगरों में सब्जियों और फलों के दाम आम आदमी की पहुंच से दूर हो गए हैं।
मध्यम वर्ग की लगभग आधी आबादी ने फलों पर किए जाने वाले खर्च का कम कर दिया है या फलों का उपभोग छोड़ दिया है। अच्छी गुणवत्ता का आम बाजार में 100 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है जबकि अलफांसों आम की कीमत 400 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। बेमौसम बरसात के कारण आम उत्पादक राज्यों में 50 फीसदी तक फसल बर्बाद हो गई है।