दिल्ली-एनसीआर में 1.9 लाख फ्लैट बिक नहीं रहे
देश में दिल्ली समेत आठ प्रमुख शहरों में सात लाख से अधिक मकान खाली पड़े हैं। इस साल जनवरी से जून की अवधि में केवल दिल्ली-एनसीआर में 1.9 लाख मकान खाली पड़े थे। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही...
देश में दिल्ली समेत आठ प्रमुख शहरों में सात लाख से अधिक मकान खाली पड़े हैं। इस साल जनवरी से जून की अवधि में केवल दिल्ली-एनसीआर में 1.9 लाख मकान खाली पड़े थे। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
जायदाद क्षेत्र को परामर्श सेवाएं देने वाली नाइट फ्रैंक इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस इनवेंटरी को खत्म होने में तीन साल से अधिक का समय लगेगा। कंपनी ने कहा कि पिछले तीन से चार साल से भारी मंदी का सामना कर रहे रिहाइशी बाजार में अगले छह महीने में सुधार नहीं आएगा।
जनवरी-जून, 2015 के दौरान प्रमुख आठ शहरों में मकानों की बिक्री में 19 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि नए मकानों की पेशकश 40 प्रतिशत तक घटी है। यह शहर हैं- दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और अहमदाबाद। नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल ने कहा कि आर्थिक परिदृश्य में सुधार आने के बावजूद हमें शीर्ष आठ शहरों में आवासीय इकाइयों के बाजार में कोई सुधार आता नहीं दिख रहा।
आगे चलकर हमें बिक्री के लिहाज से वर्ष 2015 के अंत तक कोई सुधार आता नहीं दिखता। कंपनी के मुख्य अर्थशास्त्री व निदेशक (अनुसंधान) सामंतक दास ने कहा कि मुंबई मेट्रोपालिटन क्षेत्र में सबसे अधिक 1.95 लाख इकाइयां खाली पड़ी हैं, जबकि दिल्ली-एनसीआर में 1.9 लाख इकाइयां खाली हैं। रियल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि मकानों की बिक्री में गिरावट कई वजहों से आई हैं जिसमें ऊंची कीमत और परियोजनाओं में देरी प्रमुख है। उनका कहना है कि परियोजनाओं के आसपास ढांचागत सविधाओं का विकास उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पा रहा जिसकी वजह से खरीदारों को आकर्षित करना बड़ी चुनौती है।