कॉल ड्रॉप पर कंपनियों पर जुर्माना लगाने की तैयारी में सरकार
बात करते—करते बीच में ही कॉल कटने यानी कॉल ड्रॉप की समस्या से जल्द ही आपको निजात मिल सकती है। सरकार कॉल ड्रॉप के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाने के विकल्प पर विचार कर रही है। इसके...
बात करते—करते बीच में ही कॉल कटने यानी कॉल ड्रॉप की समस्या से जल्द ही आपको निजात मिल सकती है। सरकार कॉल ड्रॉप के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाने के विकल्प पर विचार कर रही है।
इसके अलावा दूरसंचार कंपनियों को अलग—अलग पत्र भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मुददे पर जताई गई चिंता से अवगत कराया जाएगा।
दूरसंचार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दूरसंचार कंपनियों के मालिकों को यह बताया जाएगा कि अगर सेवाओं की गुणवत्ता नहीं सुधरती है तो लाइसेंस शर्तों के तहत जुर्माना लगाने के विकल्प से इनकार नहीं किया जा सकता।
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक के दौरान कॉल ड्रॉप की समस्या पर अंकुश के उपायों पर विचार विमर्श किया।
सूत्रों ने बताया कि प्रसाद ने दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग से कॉल ड्रॉप पर प्रधानमंत्री की चिंता से दूरसंचार कंपनियों के मालिकों को अवगत कराने को कहा। सूत्र ने बताया कि प्रसाद का मानना था कि ऑपरेटरो द्वारा नेटवर्क को बढ़ाने के लिए निवेश की कमी है। सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने अपने नेटवर्क को बढ़ाने और कॉल ड्रॉप में कमी के लिए 30 से 45 दिन का समय मांगा है।
बैठक के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि मेरी शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक हुई और वे कॉल ड्रॉप के मुददे पर ऑपरेटरों से बातचीत करेंगे। यह एक गंभीर मुददा है और प्रधानमंत्री भी इस पर चिंता जता चुके हैं। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले पांच से सात महीनों में कॉल ड्रॉप की समस्या गंभीर हुई है क्योंकि मार्च की नीलामी में मिले स्पेक्ट्रम के बाद भी ऑपरेटरों ने अभी तक इसका पूरा इस्तेमाल नहीं किया है। इसके अलावा कई ऑपरेटर डाटा के लिए अधिक स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले कुछ महीने में डाटा में काफी तेजी से वृद्धि हुई है।