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बैंक प्रबंधक ने ग्राहक को अस्पताल जाकर दी रकम

पुराने 500 और 1,000 रुपए के नोटों का चलन बंद करने के केन्द्र सरकार के फैसले के बाद आम लोग नोट बदलने एवं रुपये निकालने के लिए जहां बैंकों के बाहर लम्बी कतारों में लगकर परेशान हैं वहीं यहां एक बैंक...

बैंक प्रबंधक ने ग्राहक को अस्पताल जाकर दी रकम
एजेंसीSat, 19 Nov 2016 07:04 PM
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पुराने 500 और 1,000 रुपए के नोटों का चलन बंद करने के केन्द्र सरकार के फैसले के बाद आम लोग नोट बदलने एवं रुपये निकालने के लिए जहां बैंकों के बाहर लम्बी कतारों में लगकर परेशान हैं वहीं यहां एक बैंक प्रबंधक ने अपने मरीज ग्राहक की परेशानी समझते हुए उसे अस्पताल जाकर बिस्तर पर ही उसकी रकम सौंपीं।

खंडवा में रहने वाले सेवानिवृत्त रेलकर्मी छगनलाल (70) की गिरने से कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। उसे कल यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने तुरंत उसका ऑपरेशन करने को कहा और इसके लिए 25000 रुपये का खर्च बताया। ऐसे में परिवार के सामने नकद रुपये की मुश्किल सामने आ गई क्योंकि खाते में राशि तो थी लेकिन नोटबंदी के कारण बैंक में लम्बी कतारें और एटीएम से मात्र 2,500 रुपये निकालने की सीमा होने से काम नहीं बन रहा था।

छगनलाल के परिजन कल 18 नवंबर को उसकी पासबुक लेकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में गए और बैंक प्रबंधक प्रदीप यादव को अपनी समस्या बताई। इस पर यादव तुरंत 24000 रुपये लेकर अस्पताल पहुंचे और छगनलाल को ऑपरेशन थियेटर में ले जाने से पहले ही बैंक के निकासी फार्म पर हस्ताक्षर और अन्य औपचारिकतायें पूरी करवा कर उसकी रकम वहीं उसे सौंप दी। छगनलाल की पत्नी निर्मला ने कहा कि ऐसी दुख की घड़ी में बैंक कर्मचारी उसके लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। यादव ने कहा कि छगनलाल की पत्नी निर्मला ने पति का समुचित इलाज होने पर अब राहत की सांस ली है।

 

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