अप्रैल से बढ़ जाएगा आरटीजीएस का शुल्क
इस साल 1 अप्रैल से बैंकों तथा ग्राहकों को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के लिए अधिक शुल्क देना होगा। बैंकों के लिए मासिक शुल्क में ज्यादा बढ़ोतरी की गई है, जबकि ग्राहकों के लिए मामूली बढ़ोतरी की...
इस साल 1 अप्रैल से बैंकों तथा ग्राहकों को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के लिए अधिक शुल्क देना होगा। बैंकों के लिए मासिक शुल्क में ज्यादा बढ़ोतरी की गई है, जबकि ग्राहकों के लिए मामूली बढ़ोतरी की गई है। उनके लिए सिर्फ समय आधारित शुल्क में बदलाव किया गया है, जबकि मूल शुल्क और अधिकतम शुल्क स्थिर रखा गया है।
रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक अधिसूचना जारी कर बताया कि 1 अप्रैल से सभी अधिसूचित व्यावसायिक बैंकों को पांच हजार रुपये का मासिक सदस्यता शुल्क तथा गैर-अधिसूचित बैंकों तथा आरटीजीएस के लिए प्राधिकृत किसी भी अन्य एजेंसी को 2500 रुपये सदस्यता शुल्क देना होगा। पहले सहकारी बैंकों के अलावा सभी बैंकों के लिए यह शुल्क चार हजार रुपये तथा सहकारी बैंकों तथा अन्य एजेंसियों के लिए दो हजार रुपये मासिक था।
आरटीजीएस से पैसा पाना पहले की तरह नि:शुल्क जारी रहेगा। दो लाख से पांच लाख रुपये भेजने के लिए मूल शुल्क 25 रुपये तथा अधिकतम शुल्क 30 रुपये और पांच लाख से ज्यादा भेजने के लिए मूल शुल्क 50 रुपये तथा अधिकतम शुल्क 55 रुपये पर स्थिर रखा गया है। हालांकि, मूल शुल्क के साथ समय के हिसाब से दिये जाने वाले अतिरिक्त शुल्क में बदलाव किया गया है।
सुबह आठ बजे से दिन के 11 बजे तक समय आधारित शुल्क शून्य होगा। दिन के 11 बजे के बाद से एक बजे तक इसके लिए दो रुपये, एक बजे के बाद से 4.30 बजे तक पांच रुपये तथा 4.30 बजे के बाद 10 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा। लेकिन, किसी भी स्थिति में अधिकतम शुल्क से ज्यादा ग्राहकों को नहीं देना होगा।