नौरंगा गांव मे चेचक से दजॅनो बच्चे आक्रांत
बिंद के नोरंगा गांव में दर्जनों बच्चे चिकेन पाक्स से ग्रसित हैं। पीड़ित शाहिल कुमार, राकेश कुमार, सुरुचि कुमारी, छोटू कुमार, सीमा कुमारी, खुशी कुमारी, सूरज कुमार, रौशन कुमार, रवीना कुमारी, चंदभूषण...
बिंद के नोरंगा गांव में दर्जनों बच्चे चिकेन पाक्स से ग्रसित हैं। पीड़ित शाहिल कुमार, राकेश कुमार, सुरुचि कुमारी, छोटू कुमार, सीमा कुमारी, खुशी कुमारी, सूरज कुमार, रौशन कुमार, रवीना कुमारी, चंदभूषण कुमार व अन्य कई बच्चों का इलाज गांव के छुटभैया डॉक्टर कर रहे हैं।
नौरंगा गांव के दर्जनों घर में इसका प्रकोप है। एक ही घर से कई लोग इससे ग्रसित हैं। ग्रसित बच्चों के पूरे शरीर पर फोड़े उग आए हैं। अस्पताल में इलाज नहीं होने पर निजी क्लिनिकों में ही गांव के आरएमपी चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं। पांच दिनों से यहां चेचक का प्रकोप चल रहा है। लगभग पूरा गांव इसके चपेट में आ गया है। बीडीओ राकेश कुमार ने मंगलवार को गांव का जायजा लिया। उन्होंने चिकित्सकों की टीम भेजने की बात कही है।
वहीं ग्रसित बच्चों की माता गिरिजा देवी, यमुना देवी, गीता देवी, नीलम देवी ने कहा कि अस्पताल में बेहतर इलाज उपलब्ध नहीं होने व चिकित्सकों की उदासीनता के चलते बच्चों को निजी डॉक्टर से इलाज करवाना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल से कुछ भी दवा नहीं दी गयी है। मुखिया प्रतिमा देवी ने बताया कि गांव मे चेचक फैलने की जानकारी बिंद पीएचसी को दी गयी। लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र की ओर से छिड़काव के लिए चार किलोग्राम पावडर भेज कर खानापूर्ति की गई। वहीं चिकित्सा प्रभारी डॉ. उमाकांत प्रसाद ने कहा कि जांच के लिए मेडिकल टीम भेजा गया है। आशा कार्यकर्ताओं से प्रभावित लोगों की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके नियंत्रण के लिए गांव मे ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव करने को कहा गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी :
चिकेन पॉक्स ए टू जेड वैरिसीला वायरस के कारण होता है। इसके कारण ही शरीर में छोटे-छोटे फोले होते हैं। इस सेल्फ लिमिटिंग रोग का लक्षण दो से तीन दिन के बाद ही नजर आते हैं। लेकिन पांच दिन के बाद ही जांच में इसकी पुष्टि की जा सकती है। एसीएमओ डॉ. ललित मोहन प्रसाद ने ऐसे में रोगी को साफ सुथरा कमरे में रखने व रोगी के संपर्क से लोगों को दूर रहने की अपील की है। साथ ही संक्रमण होने पर तुरंत अस्पताल या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाने को कहा है।