सिपाही हत्या मामले में दारोगा को दस साल की सजा
सिपाही की हत्या के मामले में स्थानीय कोर्ट ने 11 साल बाद एसआई रामचंद्र यादव को दस साल की सजा सुनायी है। साथ ही उन पर 20 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार...
सिपाही की हत्या के मामले में स्थानीय कोर्ट ने 11 साल बाद एसआई रामचंद्र यादव को दस साल की सजा सुनायी है। साथ ही उन पर 20 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार बीएमपी-18 में 12 फरवरी 2004 को पुलिस पदाधिकारी रामचंद्र यादव ने बीएमपी जवान बबन सिंह के साथ मारपीट की थी। इसमें उसकी हालत खराब हो गयी। पुलिस पदाधिकारी द्वारा समय पर उसका इलाज नहीं कराया गया। इसके कारण 13 फरवरी 2004 को बोधगया थाना क्षेत्र के बीएमपी-18 में बबन सिंह की मौत हो गई।
मृतक छपरा जिले एकमा थाने के भरहोपुर गांव का रहनेवाला था। मृतक की पत्नी गीता देवी ने बोधगया थाने में बीएमपी-18 के अवर निरीक्षक रामचंद्र यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। आरोपित जहानाबाद जिले के हुलासगंज थाने के प्राण बिगहा का रहनेवाला है।
नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश प्रसाद मिश्रा की अदालत में 16 गवाहों की गवाही पर अभियुक्त रामचंद्र यादव को दस साल की सजा सुनायी गयी और 20 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया गया। जुर्माना नहीं देने पर उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा सुनायी गयी है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
दो दिन पूर्व दारोगा रामचंद्र यादव को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा गया। इस मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मुकेश चंद्र सिन्हा एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्य नारायण सिंह बहस कर रहे थे।