बोधगया में कालचक्र पूजा रद्द, एक हजार करोड़ का नुकसान
बोधगया में परम पावन दलाई लामा की अगुवाई में वर्ष 2016 जनवरी में प्रस्तावित पूजा रद्द होने से यहां के व्यवसाय को एक बड़ा झटका लगा है। महाबोधि मंदिर में हुए बम धमाके के बाद से बोधगया का पर्यटन व्यवासय...
बोधगया में परम पावन दलाई लामा की अगुवाई में वर्ष 2016 जनवरी में प्रस्तावित पूजा रद्द होने से यहां के व्यवसाय को एक बड़ा झटका लगा है। महाबोधि मंदिर में हुए बम धमाके के बाद से बोधगया का पर्यटन व्यवासय मंदी की दौर से गुजर रहा था। ऐसे में इस पूजा से यहां के पर्यटन व्यवसायियों को बड़ी उम्मीद थी।
बोधगया के होटल व्यवसाय, कॉस्मेटिक, हैंडी क्राफ्ट, रेस्टोरेंट, टूर ऑपरेटर आदि व्यवसायियों के लिए बड़ा झटका है। इन व्यवसायियों की मानें तो कालचक्र पूजा में लगभग एक हजार करोड़ का कारोबार यहां से होता है। प्रस्तावित पूजा को लेकर यहां के कारोबारी बैंक से लोन व सूद पर रुपये लेकर कारोबार को विस्तार देने में जुटे थे।
ऐसे कारोबारी कर्ज में डूब गये हैं। इससे उबरने का कोई रास्ता इन्हें नहीं दिख रहा है। सोमवार को सेंट्रल तिब्बतीयन ऐडमिनिस्टे्रशन की ओर से डॉ. लोपसंग सांगे ने तिब्बतीयन बेबसाइट पर कालचक्र पूजा स्थगित करने की घोषणा कर दी है। वर्ष 2016 में 14 जनवरी से 25 जनवरी तक पूजा प्रस्तावित थी।
बम धमाके से भी गहरा सदमा
बोधगया के पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि कालचक्र पूजा रद्द होने से बोधगया बम धमाके की जख्म फिर से ताजा हो गई। यह उस बम धमाके से भी ज्यादा सदमा देनेवाला है। मंदी से उबरने का अब कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा हैं। कॉस्मेटिक व्यवसायी राजू कपूर बताते हैं कि कालचक्र पूजा प्रस्तावित होने के बाद से यहां के तमाम व्यवसायियों ने कर्ज लेकर पूंजी लगयी थी।
हैण्डी क्राफ्ट व्यवसायी दीपक गुप्ता ने बताया कि पूजा को देखते हुए सूद पर रुपये लेकर सामान बुक किया था। शिबू रेस्टोरेंट के संचालक राकेश कुमार उर्फ पप्पू ने बताया कि 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए बम धमाके को याद कर लाल पत्थर के दुकानदार आज भी सहम जाते हैं। अब सरकार से ही उम्मीद है कि कोई राहत पैकेज दिया जाये।
बौद्ध भंते दीनानन्द ने बताया कि प्रस्तावित कालचक्र पूजा में पूरी दुनिया से करीब पांच लाख बौद्ध श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद थी। ऐसे में यहां के पर्यटन व्यवसाय को एक नया आयाम मिलता।