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MISSION BIHAR: जिताऊ होगा उम्मीदवार तभी राजग से टिकट

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं, भाजपा नेताओं की धड़कन बढ़ती जा रही है। अगले दस दिनों में उनके सियासी भविष्य का फैसला हो जाएगा। खास रणनीति के तहत उम्मीदवारों के नाम की घोषणा में...

MISSION BIHAR: जिताऊ होगा उम्मीदवार तभी राजग से टिकट
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 02 Sep 2015 11:08 AM
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जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं, भाजपा नेताओं की धड़कन बढ़ती जा रही है। अगले दस दिनों में उनके सियासी भविष्य का फैसला हो जाएगा। खास रणनीति के तहत उम्मीदवारों के नाम की घोषणा में देर हो सकती है, परन्तु भाजपा, लोजपा, हम व रालोसपा के हिस्से की सीटें चिह्न्ति करने के साथ भाजपा पार्लियोमेंट्री बोर्ड अलग-अलग सीटों के लिए अपने लड़ाकों के नाम चुपचाप तय कर लेगा।

नेतृत्व उम्मीदवार को क्षेत्र में जाकर कमान संभालने का संकेत दे देगा। जो संकेत अब तक आ रहे हैं, उनसे भाजपा टिकट चाहने वाले पुराने कार्यकर्ताओं की नींद हराम है। एक-एक कर मुजफ्फरपुर की हर सीट पर बाहर से आ रहे सीटिंग विधायकों को हरी झंडी दी जा रही है। भाजपा नेतृत्व की पहली प्राथमिकता ऐसा प्रत्याशी खड़ा करना है, जो हर हाल में सीट निकाल सके। अगर एनडीए के घटक दल या राजद-जेडीयू के विधायक को टिकट देने से सीट निकलने की गारंटी हो तो नेतृत्व को मेहमाननबाजी से गुरेज नहीं होगा। हालांकि पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सफाई दी है कि दल में शामिल करने का मतलब टिकट की गारंटी नहीं है, परन्तु विधानसभा चुनाव 2010 के टिकट वितरण की कहानी याद कर भाजपाइयों के दिल बैठ रहे हैं। ये वही भाजपाई हैं जो सालों भर मंडल व जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक बैठक, रैली, कार्यशाला व जन समस्याओं के खिलाफ आंदोलन द्वारा पार्टी को मजबूती देते रहे हैं।

जब जेडीयू से भाजपा का नाता टूटा तो वर्ष 1996 से हर लोकसभा व विधानसभा चुनाव में गठबंधन धर्म निभाते आ रहे नेताओं को उम्मीद की किरणें दिखायी देने लगीं। लोकसभा चुनाव में लोजपा व रालोसपा और अब हम जैसे मेहमान के आ जाने से भाजपा नेताओं में आक्रोश है। उनका मानना है कि नेतृत्व अधिकांश सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों का नाम तय कर चुका है और कार्यकर्ताओं को भ्रम में रखने के लिए पार्लियामेंट्री बोर्ड में उम्मीदवारी तय करने की बात कर रहा है। जिले की 11 विधानसभा सीटों में से मुजफ्फरपुर, पारू, औराई व गायघाट में भाजपा के सीटिंग विधायक हैं। इसके बावजूद गायघाट से दो महिला नेत्री समेत कई नेता भाजपा टिकट के  दावेदार हैं। पूर्व मंत्री एवं हम के वरिष्ठ नेता गणेश प्रसाद यादव की नजर भी गायघाट सीट पर है। अन्य सात सीटों पर टिकट के लिए भारी दबाव हैं।

बरुराज में ब्रज किशोर सिंह हो सकते हैं उम्मीदवार
प्रदेश भाजपा ने बरुराज के राजद विधायक ब्रज किशोर सिंह को दल में शामिल किया है। चुनाव से ठीक पहले ब्रज किशोर सिंह को मेहमान बनाए जाने से टिकट के लिए प्रयासरत भाजपा नेता भुवनेश्वर राय, केशव प्रसाद सिंह व कृष्णा चौधरी को करारा झटका लगा है।

साहेबगंज और कांटी में घमासान
जिला भाजपा ने साहेबगंज से उम्मीदवार बनाने के लिए जिन पार्टी नेताओं के नाम प्रस्तावित किए हैं, उनकी राह में लोजपा व हम बड़े बाधक हैं। सीटिंग विघायक राज कुमार सिंह उर्फ राजू सिंह हम टिकट के प्रबल दावेदार हैं। उधर, लोजपा राजू सिंह की उम्मीदवारी का खुला विरोध कर बैठी है। भाजपा में वीरेन्द्र कुमार सिन्हा, अंजू रानी, गीता कुमारी, गुड्डू ओझा समेत आधा दजर्न नेता दावा ठोक रहे हैं। कांटी में पूर्व मंत्री व सीटिंग विधायक अजीत कुमार हम टिकट के प्रबल दावेदार हैं। लोजपा उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ है। भाजपा, लोजपा व रालोसपा के एक दजर्न से अधिक नेता कांटी सीट पर दावा कर रहे हैं।

सकरा और मीनापुर में मेहमानों का दांव
सकरा (सुरक्षित) विस क्षेत्र में भाजपा जेडीयू के बागी विधायक सुरेश चंचल पर दांव आजमाने की तैयारी में है। सुरेश चंचल को दल में शामिल किया गया है। पहले से आधा दजर्न भाजपा व लोजपा नेता एनडीए टिकट पर दावा ठोक रहे हैं। मीनापुर में जेडीयू विधायक एवं पूर्व मंत्री दिनेश कुशवाहा के बेटे अजय कुशवाहा को भाजपा में पहले ही शामिल किया जा चुका है।

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