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मोबाइल रेडिएशन से भी बिजली बनाने की कवायद

नये-नये आविष्कारों के लिए चर्चित गड़खा के अढ़ूपुर गांव निवासी अनुजय प्रताप सिंह रवि ने इस बार ऐसी डिवाइस बनायी है जो मोबाइल या अन्य खतरनाक ब्रह्मांडीय विकिरण को भी बिजली में बदल सकती है। सीआरए...

मोबाइल रेडिएशन से भी बिजली बनाने की कवायद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 30 Aug 2015 09:27 PM
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नये-नये आविष्कारों के लिए चर्चित गड़खा के अढ़ूपुर गांव निवासी अनुजय प्रताप सिंह रवि ने इस बार ऐसी डिवाइस बनायी है जो मोबाइल या अन्य खतरनाक ब्रह्मांडीय विकिरण को भी बिजली में बदल सकती है।

सीआरए (कॉस्मिक रेडिएशन एक्युमुलेटर) नाम की इस डिवाइस को मात्र एक धातु प्लेट की जरूरत है जिसे एंटीना के रूप में जोड़ देने पर वह सोलर की तरह बिजली पैदा करने लगती है। अंतर सिर्फ यह है कि यह धूप के साथ-साथ अदृश्य रेडिएशन को भी बिजली में बदलती है जो इस ब्रह्मांड में अनंत तक फैली हुई है और धरती पर दिन-रात आती रहती है।
 
बड़े स्तर पर लगायी जा सकती है डिवाइस
जेपी यूनिवर्सिटी, छपरा से एमएससी व दिल्ली से रोबोटिक्स की पढ़ाई कर चुके अनुजय का यह मोड्यूल 1.1 वोल्ट पावर पैदा करता है। इसे और बड़ा बनाया जा सकता है। अनुजय का कहना है कि यह डिवाइस बड़े स्तर पर वहां लगायी जा सकती है, जहां बहुत सारे मोबाइल टावर हों और जिनकी वजह से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन बहुत ज्यादा हो।

इस सिस्टम को रात या दिन से कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे बारिश, धूप और अंधेरे में भी बिजली मिलती रहेगी। कॉस्मिक रेडिएशन से बिजली लेने का यह यंत्र हर मौसम में कहीं भी और कभी भी काम करता रहेगा।

रेडिएशन से नहीं है कोई नुकसान
आम तौर पर रेडिएशन से चर्म रोग, कैंसर, हार्ट प्रॉब्लम जैसी कई बीमारियां होती हैं पर इस डिवाइस से उस खतरनाक रेडिएशन को भी बिजली में बदला जा सकता है। जहां कोई पावर सोर्सेज या रिसोर्सेज नहीं है, वहां भी यह डिवाइस काम करती रहेगी।

कहीं भी लग सकता है यह सिस्टम
दुनिया की किसी भी खुली जगह या ज्यादा रेडिएशन वाले क्षेत्र में इस डिवाइस को लगाया जा सकता है। यह मोबाइल नेटवर्क को ग्राउंड नहीं करेगा। कुछ खास रेडियो फ्रीक्वेंसी को दरकिनार करने के लिए इसमें सेंसर भी लगाया जा सकता है।

निरंतर काम करती रहेगी यह डिवाइस

अनुजय का दावा है कि जब धरती पर ऊर्जा के सारे स्रोत खत्म हो जायेंगे तब भी यह डिवाइस निरंतर कॉस्मिक रेडिएशन से काम करती रहेगी। अनुजय के मुताबिक इस मोड्यूल का मेन कॉन्सेप्ट दृश्य रेडिएशन जैसे सूर्य के प्रकाश के साथ-साथ अदृश्य रेडिएशन मसलन रेडियो वेब्स, माइक्रोवेब्स, इंफ्रारेड, उल्ट्रावायलेट, एक्सरेज और गामारेज आदि को भी इलेक्ट्रिकल एनर्जी के रूप में स्टोर करेगा।
 
नहीं मिल रहा उचित प्लेटफॉर्म
अनुजय कई अविष्कारों के बाद भी सरकार के उदासीन रवैये से दुखी हैं। उनका कहना है कि उन्हें आज तक कोई उचित प्लेटफॉर्म नहीं मुहैया कराया जा सका है ताकि वे अपना रिसर्च आगे बढ़ा सकें। इसके बावजूद वे खुद के प्रयासों से रिसर्च प्लेटफॉर्म बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ इन्वेंशन व प्रोजेक्ट्स निर्माण प्रक्रिया में हैं, जबकि लाइट रीसाइक्लिंग डिवाइस को इस साल पेटेंट मिलने की संभावना है।

अनुजय के अब तक के आविष्कार
1. वायरलेस मोबाइल चार्जिंग सिस्टम
2. लाइट रीसाइक्लिंग डिवाइस (कोलकाता पेटेंट ऑफिस में आवेदन)
3. फीमेल सिक्युरिटी वाच
4. मिस्ड कॉल सिक्युरिटी सिस्टम
5. एलपीजी डेटेक्शन्स व ऑटोमेटिक टाइमर
6. कॉस्मिक रेडिएशन एक्युमुलेटर

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