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प्रलोभन देकर वोट मांगने में दो प्रत्याशियों पर प्राथमिकी

मतदाताओं को घड़ियां वितरित कर प्रलोभन देने के आरोप में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सह विधान परिषद स्थानीय निकाय चुनाव के प्रत्याशी रजनीश कुमार व महागठबंधन समर्थित प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार पर बुधवार को...

प्रलोभन देकर वोट मांगने में दो प्रत्याशियों पर प्राथमिकी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Jul 2015 06:32 PM
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मतदाताओं को घड़ियां वितरित कर प्रलोभन देने के आरोप में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सह विधान परिषद स्थानीय निकाय चुनाव के प्रत्याशी रजनीश कुमार व महागठबंधन समर्थित प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार पर बुधवार को वोटरों ने बछवाड़ा थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

रसीदपुर पंचायत के मुखिया महेश्वर प्रसाद चौधरी ने थाने में आवेदन देकर कहा है कि 30 जून को स्थानीय निकाय चुनाव के प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार ने उन्हें करीब 1700 रुपए की अजंता कंपनी की कलाई घड़ी प्रलोभन के तौर पर देकर 7 जुलाई को होने वाले चुनाव में वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा है कि क्षेत्र के सभी वार्ड सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों व मुखियों को उक्त कलाई घड़ी बांटी गई है। घड़ियों के डायल व डिब्बे के ऊपर प्रत्याशी का फोटो भी अंकित है।

इधर, दादुपुर पंचायत के वार्ड-7 की वार्ड सदस्या नीलम देवी व वार्ड-8 के वार्ड सदस्य महेन्द्र पासवान ने थाने में लिखित शिकायत कर कहा है कि उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव में प्रत्याशी रजनीश कुमार ने 24 जून 2015 को दीवार घड़ी दी। साथ ही, 7 जुलाई को उन्हें वोट देने के लिए भी कहा। वोटरों ने इसे अनैतिक व मतदाताओं को प्रलोभन देकर खरीद-फरोख्त की कार्रवाई मानते हुए दोनों प्रत्याशियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है।

थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि दोनों प्रत्याशियों पर मतदाताओं को प्रलोभन देने व आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। शिकायतकर्ताओं द्वारा साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत की गई घड़ियों को जब्त कर लिया गया है। इधर, प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया है। वहीं रजनीश कुमार ने इसे भाकपा के इशारे पर राजनीतिक साजिश करार दिया है।

इधर, वोटरों को प्रलोभन देकर वोट मांगने के मामले में स्थानीय विधायक अवधेश कुमार राय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का सबसे घिघौना तरीका है। मतदाताओं की खरीद-फरोख्त कर सत्ता में हावी होने का प्रपंच खुलेआम चल रहा है। चुनाव आयोग की घोषणाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च लिमिट नहीं किए गए हैं। घड़ी व रुपए बांटकर वोट हासिल करने का प्रयास कर रहे प्रत्याशियों की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग उन्होंने निर्वाचन आयोग से की है।

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