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बिना देर जनता को मिले निष्पक्ष न्याय: राज्यपाल

राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि न्यायिक पदाधिकारी बिना विलंब किए जनता को निष्पक्ष न्याय दें। न्यायपालिका के सामने आज गंभीर चुनौती है। चुनौती का डटकर मुकाबला करना है। न्यायपालिका में सक्षम लोगों को...

बिना देर जनता को मिले निष्पक्ष न्याय: राज्यपाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 23 Aug 2015 08:07 PM
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राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि न्यायिक पदाधिकारी बिना विलंब किए जनता को निष्पक्ष न्याय दें। न्यायपालिका के सामने आज गंभीर चुनौती है। चुनौती का डटकर मुकाबला करना है। न्यायपालिका में सक्षम लोगों को आना चाहिए। न्याय तभी संभव है जब ईमानदारीपूर्वक कानून के तहत काम किया जाए। न्यायिक पदाधिकारियों को न्यायिक दायित्व के साथ-साथ सामाजिक दायित्व भी निभाना होगा।

राज्यपाल रविवार को बीआईटी सभागार में बिहार ज्युडिशिएल सर्विस एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की बेहतरी के लिए केन्द्र सरकार ने नेशनल लॉ कमीशन की स्थापना की है। न्यायालयों में आधारभूत संरचना की कमी है, इसके लिए संबंधित अधिकारी समुचित कदम उठाएंगे।

बक्सर जिला जज से रंगदारी मांगे जाने की घटना का जिक्र करते हुए श्री कोविंद ने कहा कि यह सिर्फ कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है, बल्कि कोर्ट द्वारा जो निर्णय दिया जाता है, वह तार्किक निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कार्यपालिका का इसमें सहयोग नहीं मिल पाता है।

पटना हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी ने कहा कि निचली अदालतों की स्थापना लोगों को न्याय देने के लिए की गई थी। निचली अदालतों के फैसले पर ही हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का फैसला टिका होता है। न्यायिक पदाधिकारी व सरकार के विभागीय सचिव में काफी अंतर है। न्यायिक पदाधिकारी सचिव से काफी ऊपर हैं और दोनों के काम में अंतर है।

जस्टिस वीएन सिन्हा ने कहा कि समाज में सभी वर्गों को न्याय मिलना चाहिए। जस्टिस नवनीत प्रसाद सिंह ने कहा कि न्यायपालिका के बिना कुछ भी संभव नहीं है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि निचली अदालतों से हाईकोर्ट में काफी जज पहुंचते हैं, जबकि न्यायालयों में काफी पद रिक्त पड़े हैं।

एक आपराधिक मामले को अंतिम नतीजे तक पहुंचाने में 40 साल लग जाते हैं, जबकि चांद व मंगल पर पहुंचने में काफी कम वक्त लगता है। केन्द्र सरकार इंडियन ज्युडिशियल सर्विस का गठन करे और हाईकोर्ट में निचली अदालतों की 50 प्रतिशत भागीदारी होनी चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएशन के महासचिव दिनेश प्रधान ने किया।

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